Sunday, September 22, 2024

नगर निगम गुरुग्राम की प्रस्तावित वार्डबंदी पर जताया ऐतराज, 150 से अधिक लोगों ने आपत्ति जताते हुए उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

  • वार्डबंदी में चार वार्डो में हाईवे क्रासिंग की जा रही तो कुछ वार्डो में मतदाता और आबादी बराबर
  • किसी वार्ड में मतदाता 11 हजार तो किसी में 27 हजार मतदाता

गुरुग्राम, 29 मार्च|

नगर निगम गुरुग्राम के आगामी चुनाव के लिए प्रस्तावित वार्डबंदी पर ऐतराज जताते हुए 200 से अधिक लोग उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और आपत्ति जताते हुए डीसी को ज्ञापन सौंपा. लोगों का कहना है कि इस वार्डबंदी में बुनियादी विषयों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है. जिसकी वजह से शहर के आम नागरिकों को विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इस वार्डबंदी में मुख्यमंत्री के आदेशों की भी अवहेलना की गई है. आदेश अनुसार किसी भी वार्ड के बीच में हाईवे क्रॉस नहीं करना चाहिए लेकिन वार्डबंदी में चार वार्ड जो कि वार्ड 02, 29, 30, 35 ऐसे है जिनमें दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे-वे और सोहना-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे क्रॉस कर रहा है. इसके बावजूद वार्डबंदी प्रस्तावित कर स्वीकृति के लिए चंडीगढ़ उच्च अधिकारियों को भेज दी गई.
निवर्तमान निगम पार्षद राम रानी राठी ने कहा कि इस वार्डबंदी में सभी वार्डों को समान रूप से बनाना चाहिए ताकि शहर के आम नागरिकों को भविष्य में परेशानियों का सामना न करना पड़े और विकास कार्य भी हर जगह समान रूप से हो सकें.

एडवोकेट अलका दलाल का कहना है कि चार वार्ड ऐसे है जिनमें जनसंख्या और वोटरों की संख्या के हिसाब से असमान है जबकि यह असमानता दस प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए थी. वार्ड 26 में करीब 13000, वार्ड 27 में भी 13000 तो वार्ड 28 में 27000 और वार्ड 31 में 30000 मतदाता है. इस प्रकार से देखा जाए तो जनसंख्या में बड़ी असमानता बनती है. ऐसे में यह वार्डबंदी किसी प्रकार से जनहित में नहीं है.

नरेश कटारिया का कहना है कि वार्ड 12 में 26000 वोट है और 27000 आबादी है जो कि संभव नहीं हो सकता. इस वार्डबंदी के लिए आधार बनाई गई आबादी ही ठीक नहीं है जिसकी वजह से वार्डबंदी भी ठीक नहीं हुई.


बिट्टू यादव का कहना है कि वार्ड 11 गलत बना हुआ है. दो वार्डो को मिलाकर एक वार्ड बना दिया गया है जिससे कभी भी इलाके में विकास कार्य नहीं हो पाएंगे.

मंजू बंधुनी का कहना है कि वार्ड 33 का क्षेत्र भी भौगोलिक दृष्टि से ठीक नहीं है. इस वार्डबंदी में बुनियादी पैमानों पर काम नहीं किया गया है. जिसकी वजह से वार्ड की लकीरें बिल्कुल गलत तरीके से खींची की गई है.
एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज का कहना है कि सरकारी पैमाने का एक तरफ कर वार्डबंदी की गई है जिसके चलते जनमानस में इसके प्रति रोष है. इसी को लेकर हमने उपायुक्त गुरुग्राम को ज्ञापन सौंपा है.

उपायुक्त ने दिया आश्वासन

निवासियों के प्रतिनिधिमंडल को उपायुक्त गुरुग्राम निशांत कुमार यादव ने आश्वस्त किया है कि अभी प्रस्तावित वार्डबंदी को चंडीगढ़ स्थित उच्च अधिकारियों के पास 15 दिन की आपत्ति की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के बाद लोगों को आपत्ति देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. इस दौरान वार्ड के हिसाब से जो भी आपत्ति आएंगी, एक-एक को गंभीरता से सुना जाएगा और जहां गलत होगा उसमें फेरबदल किया जाएगा.

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