पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनावी आचार संहिता का कारण देकर कोर्ट के आदेशों की पालना न करने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए हैं।नरेश कुमार बनाम एचएसएससी सचिव (COCP-517-2023) मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील रजत मोर ने कोर्ट को अवगत करवाया की याचिकाकर्ता को पुरुष कांस्टेबल (जीडी) के पद पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया गया था और उसके बाद भी याचिकाकर्ता को ज्वाइनिंग नहीं करवाई जा रही।
प्रतिवादी-राज्य ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए जारी आचार संहिता के कारण उसे वास्तविक नियुक्ति नहीं दी जा सकी। माननीय अदालत ने कहा कि “इस अदालत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां हरियाणा और पंजाब राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने यह रुख अपनाया है कि आचार संहिता के कारण संबंधित मामलों में उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा सकता है। हालाँकि, आदर्श आचार संहिता में ऐसा कोई खंड नहीं है जिसके तहत नियुक्ति जारी करने को, यहां तक कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार भी स्थगित रखने की आवश्यकता हो। यह एक अनावश्यक बहाना है।”