Sunday, September 22, 2024

रेवाड़ी में पीपीपी से ऑटो मोड से बनी 1188 बुजुर्गों की पेंशन

  • घर बैठे बुढापा पेंशन शुरू होने का सरल व सुगम माध्यम बना परिवार पहचान पत्र : डीसी
  • जिला में 67 हजार 165 बुजुर्गों को दी जा रही वृद्धावस्था सम्मान पेंशन, 250 रुपए बढक़र आएगी अप्रैल माह की पेंशन

रेवाड़ी, 1 अप्रैल|

हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश में लागू किए गए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से रेवाड़ी जिला में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत 1188 बुजुर्गों की घर बैठे बिठाए स्वत: ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन बनी है. प्रदेशवासियों को सरल व सुगम माध्यम से सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई परिवार पहचान पत्र योजना का अब धरातल पर असर दिखने लगा है.

डीसी अशोक कुमार गर्ग ने बताया वृद्धावस्था पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने के बाद अब बुजुर्गों को राहत मिली है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में प्रदेश में जब से सरकार की यह फ्लैगशिप योजना शुरू हुई है, तब से आयु व आय के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले बुजुर्गों की परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब वृद्धावस्था सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बन रही है. अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है. जिला रेवाड़ी में 1188 पात्र बुजुर्गों की पेंशन पीपीपी के माध्यम से बन चुकी है. उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा रेवाड़ी जिला के 67 हजार 165 बुजुर्गों को प्रत्येक माह 2500 रुपये की राशि वृद्धावस्था सम्मान पेंशन के रूप में उनके खाते में भेजी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इसमे 250 रुपए की बढ़ोतरी की है. यानि अब बुजुर्गों के खाते में अप्रैल माह की पेंशन 250 रुपए बढक़र 2750 रुपए आएगी.
डीसी ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के तहत जिनकी उम्र 60 साल हो गई है और जिनकी पति पत्नी की सालाना इनकम दो लाख रुपये से कम हैं, उनका डेटा क्रीड की तरफ से ऑटोमेटिक तरीके से सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया जाता है. परिवार पहचान पत्र में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती हैं, उसी समय विभाग को क्रीड की ओर से सूची मिल जाती है. इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता हैं, यदि वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है. उन्होंने बुजुर्गों से आह्वान किया कि वे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए किसी भी विभाग के कार्यालय में चक्कर न लगाएं. इस सम्मान भत्ता के पात्र होते ही विभाग के कर्मचारी स्वयं आपके पास आएंगे.

अब बुजुर्गों को पेंशन के लिए नहीं लेनी पड़ती टेंशन

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन करते हुए ऐसी व्यवस्था की है जिससे हरियाणा के बुजुर्गों को पेंशन के लिए टेंशन नहीं लेनी पड़ती. सरकार द्वारा पेंशन को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है. सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए आय की पात्रता सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए वार्षिक कर दी है. भविष्य में जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा तथा पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपए वार्षिक से कम होगी, उनकी पेंशन स्वत: ही शुरू हो जाएगी. विभाग की ओर से उनसे केवल पेंशन प्राप्त करने की सहमति ली जाएगी.

डीसी ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से वर्तमान में ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता‘ पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों को हर माह 2500 रुपए की राशि बैंकों तथा डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही है. जिला रेवाड़ी में 67 हजार 165 बुजुर्गों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिनमें बीसी कैटेगरी के 31013, बीसीए के 166, बीसी-बी के 481, जरनल कैटेगरी के 27821, एससी कैटेगरी के 7682 तथा एसटी व टपरीवास जाति का एक-एक लाभपात्र शामिल है. उन्होंने बताया कि हरियाणा में वर्तमान में बुजुर्गों को 2500 रुपए पेंशन दी जा रही है.

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