सिरसा डेरा के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह को 10 जुलाई 2002 की शाम को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। 2003 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई जिसके बाद सीबीआई ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए उसे दोष मुक्त करार दिया है। उम्र कैद की सजा के खिलाफ राम रहीम ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।हाई कोर्ट ने उसकी अपील पर मंगलवार यानि 28 मई 2024 को फैसला सुनाते हुए सीबीआई की अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है। आपको बता दे की इस मामले में अभी विस्तृत आदेश आना बाकी है।
डेरे का प्रबंधक था रणजीत सिंह
रणजीत सिंह सिरसा डेरे का प्रबंधक था। एक शक की वजह से 22 साल पहले रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। 10 जुलाई 2002 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्टने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम भी इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।
2021 में सीबीआई की अदालत ने गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम सिंह को 20 साल की सजा हुई।