Monday, September 23, 2024

Gurugram LokSabha Election: 2019 के लोकसभा चुनाव में 386256 वोटों से जीते थे राव इंद्रजीत सिंह

गुरुग्राम,4 जून

2019 में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याश्याी राव इंद्रजीत सिह ने जीत का बड़ा फासला रखा था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय यादव को 3,86,256 वोटों से हराया था। इस बार 2024 में पिछली जीत से अधिक अंतर का राव इंद्रजीत सिंह ने दावा किया था।

Gurugram LokSabha Election : 2019 के चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने 8,81,546 वोट हासिल किए थे। उनके सामने चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी अजय यादव को 4,95,290 वोट मिले थे। अब 2024 के चुनाव की बात करें तो स्टार प्रचारकों को छोडक़र राव इंद्रजीत सिंह के लिए भारतीय जनता पार्टी के स्तर पर कुछ खास सहयोग नहीं मिला। उन्होंने अपने समर्थकों के दम पर ही पूरे लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया। संगठन तो बैठकों में अधिक व्यस्त रहा। राव इंद्रजीत सिंह ने जब अपना चुनाव कार्यालय शुरू किया था, तब भी संगठन से जिला अध्यक्ष कमल यादव व कुछ गिनती के नेता ही उनके साथ नजर आए थे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थक निवर्तमान पार्षद अश्वनी शर्मा की कोठी में चुनाव कार्यालय खोला। संगठन ने उनके सेक्टर-15 पार्ट-1 में बनाए गए चुनाव कार्यालय में जाने से परहेज किया। वहां पर सिर्फ और सिर्फ राव इंद्रजीत सिंह का निजी स्टाफ ही चुनाव की कमान संभाले रहा। बीच-बीच में भीतरघात की भी बातें आती रहीं, जिन पर राव इंद्रजीत सिंह ने अधिक ध्यान ना देकर अपने चुनाव प्रचार पर फोकस रखा।

Rao Inderjit Singh (Modi Ka Parivar) (@Rao_InderjitS) / X

राव इंद्रजीत सिंह ने जनता के बीच अपने लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांगे। लोकसभा चुनाव-2024 में पीएम नरेंद्र मोदी का नाम ही भुनाया गया। हां, उनकी बेटी आरती राव ने जरूर अपने पिता की छवि और कुछ काम गिनवाकर जनता से वोटों की अपील की।
इस चुनाव रैली में फिरोजपुरझिरका में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो यहां तक कह दिया कि मैं मेवाती हूं मेवाती रहूंगा और मेवाती था। हालांकि अप्रैल में जब सांप्रदायिक दंगे हुए तब मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे और अधिकारी छुट्टी पर थे। बड़ी मुश्किल से स्थिति समली। सरकार की जमकर आलोचना हुई और अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

 

जिनकी भरपाई उन्होंने फिर आर्थिक सहायता से की। जिसका विवरण आज तक नहीं दिया गया है। भाजपा को पार्टी के दिग्गज नेता जाकिर हुसैन पर पूरा भरोसा था लेकिन वह भी काम नहीं आए। वहां के लोगों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने उनकी उपेक्षा की और जो योजनाएं घोषित की गई उन्हें लागू नहीं किया गया। बाद में चुनाव को देखकर एक जांच बैठा दी कि आखिर अधिकारियों ने उन योजनाओं को लागू क्यों नहीं किया। बात केवल टलकाऊ थी। हालांकि सांप्रदायिक दंगों के दौरान केंद्रीय मंत्री राजेंद्र जी सिंह ने एक ऐसा बयान दिया था जो मेवातियों के पक्ष में था लेकिन वह भी कोई काम नहीं आया यह बात कही जा रही है कि राम के प्रति मेवात में कुछ सहानुभूति थी इसलिए मेवा ने कांग्रेस के पक्ष में कम मतदान किया अन्यथा ज्यादा मतदान के अवस्था में राव की हार तय थी।

 

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