-वायरल वीडियो के पांच दिन बाद भी नहीं पूरी हो सकी जांच
कविता। फरीदाबाद
बीके सिविल अस्पताल में आए दिन मरीजों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में जहां लोगों को चिकित्सक लगातार अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। वहीं बीके सिविल अस्पताल में मरीज पीने के पानी को तरसते हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ बीके सिविल अस्पताल में तैनात कुछ चिकित्सक और कर्मी इस पानी को अपनी कार धोने में व्यर्थ करते है, वहीं जब उनकी इस करतूत की वीडियो बनाकर वायरल कर दी जाए, तो उस पर भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है, ऐसा ही यहां देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद भी यहां पानी की बर्वादी हो रही है। जब इस विषय में पीएमओ डॉ दारा सिंह राठी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जांच के आदेश जारी किए है, कि किसने पानी की बर्बादी की है। लेकिन उक्त वीडियो के वायरल होने के पांच दिन बाद भी जिला स्वास्थ्य विभाग किसी तरह की जांच पूरी न कर सका।
वीडियो के वायरल होने के पांच दिन बाद भी जिला स्वास्थ्य विभाग किसी तरह की जांच पूरी न कर सका।
कार धोने के वीडियो वायरल: बीके सिविल अस्पताल में बने जनरेटर रूम के बाहर का एक वीडियो वायरल हो गया। जिसमें एक टाटा नैनो कार को एक व्यक्ति जनरेटर रूम के अंदर से पानी की पाइप लगाकर धो रहा था, इस वीडियों में कार का नम्बर भी साफ नजर आ रहा है। जिसे देखते हुए इस व्यक्ति की वीडियो पर संज्ञान लेते हुए पीएमओ डॉ दारा सिंह राठी ने जांच के आदेश जारी किए है। लेकिन कार धोने वाले का फेस और नम्बर दोनों के बाद भी जांच पूरी न हो सकी।
फरीदाबाद जिला प्रशासन पानी की बर्बादी करने वाले लोगों के खिलाफ नकेल नहीं कस रहा है।
पानी की हो रही बर्बादी: एक तरफ शहर में पीने के पानी को लेकर शहरभर में घमासान मचा हुआ है। वहीं बीके सिविल अस्पताल में भी पीने का पानी मरीजों को उपलब्ध नहीं हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोग सप्लाई के पानी से गाड़ी धोकर पानी की बर्बादी कर रहें है। लेकिन फरीदाबाद जिला प्रशासन पानी की बर्बादी करने वाले लोगों के खिलाफ नकेल नहीं कस रहा है। जबकि गाड़ियां धोने पर अन्य शहरों में पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है, इसके लिए कुछ शहरों में तो जूर्माने तक लगाने के आदेश जारी किए जा चुके है।
आए दिन होता है संघर्ष: फरीदाबाद के लोग पीने के पानी को लेकर आए दिन संघर्ष कर रहें है। नेता और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। पानी न आने के कारण लोगों के रोजमर्रा के काम भी नही हो पा रहे हैं साथ ही लोगों सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन लोगो को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। पानी न मिलने की वजह से लोग प्राइवेट टैंकरों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में वायरल हुए वीडियो के करीब पांच दिन बीतने के बाद भी उक्त व्यक्ति पर किसी तरह की कोई जांच न होना अपने आप में एक बड़ा विषय है, जबकि वीडियो में उक्त व्यक्ति की कार का नम्बर तक साफ दिखाई दे रहा है। ऐसे लोगों पर जिला प्रशासन की और से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।