राष्ट्रीय शिक्षा नीति: भारतीय नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करती है – धर्मेंद्र प्रधान
1 अगस्त, नई दिल्ली – केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह नीति मात्र एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारतीय नागरिकों को वैश्विक समस्याओं के समाधान में भागीदारी करने का अवसर प्रदान करती है। वे शिक्षा मंत्रालय से संबंधित वित्तीय मांगों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। चर्चा के उपरांत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अनुदान मांगों में कमी करने संबंधी प्रस्तावों पर ध्वनिमत से मतदान कराया, जिसमें प्रस्ताव गिर गए। इसके बाद, बजट में किए गए प्रावधानों को ध्वनिमत से सदन ने मंजूरी दे दी।
एनईपी की महत्वता और विशेषताएं
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनईपी 2020, जो 34 साल बाद भारत में लागू हुई है, 60 पृष्ठों की नीति है जो देश के नव निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। यह नीति भारतीय परंपराओं को संरक्षित रखते हुए भविष्य के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि इस नीति को देश भर में व्यापक स्वीकार्यता मिली है और इसे भारत की उभरती युवा जनसंख्या के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है।
शिक्षा में भारतीय परंपराओं की भूमिका
केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत की शिक्षा प्रणाली ने भारतीय परंपराओं को बनाए रखा है और यह नई शिक्षा नीति उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने सदन में उपस्थित सभी नए सदस्यों के विचारों को स्वीकार करते हुए कहा कि एनईपी 2020 ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की है।
लोकसभा में वित्तीय मांगों पर चर्चा
चर्चा के दौरान, वित्तीय मांगों में कमी करने संबंधी प्रस्तावों पर ध्वनिमत से मतदान किया गया, जिसमें प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिए गए। इसके पश्चात बजट में किए गए प्रावधानों को ध्वनिमत से स्वीकृति मिली। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए प्रतिबद्ध है, और एनईपी 2020 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
युवा जनसंख्या और राष्ट्रीय शिक्षा नीति
भारत की युवा जनसंख्या की चर्चा करते हुए प्रधान ने कहा कि इस समय भारत में युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने विश्वास जताया कि एनईपी 2020 के माध्यम से युवा पीढ़ी को उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाएं प्राप्त होंगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारत के शिक्षा क्षेत्र में सुधार और नवाचार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह नीति भारतीय परंपराओं को संरक्षित रखते हुए वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारतीय नागरिकों को तैयार करने में सहायक सिद्ध होगी।