2 अगस्त, नई दिल्ली – कांग्रेस राज्यसभा सांसद अजय माकन ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह रेहड़ी-पटरी वालों से संबंधित कानूनों के पालन में गंभीरता नहीं दिखा रही है। उन्होंने यह बयान संसद में दिया, जहां उन्होंने रेहड़ी-पटरी आजीविका संरक्षण कानून के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा की मांग की।
कानून का पालन और बैठक की कमी
अजय माकन ने कहा कि देश में रेहड़ी-पटरी आजीविका संरक्षण कानून का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत स्थापित समिति की नियमित बैठकें भी नहीं हो रही हैं, जिससे कानून के कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न हो रही है। माकन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह सभी राज्यों के मंत्रियों की बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करें और योजना की अड़चनों को दूर करें।
केंद्रीय कानून की आवश्यकता
माकन ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही पूरे देश के लिए विस्तृत कानून बना रखा है, जिसे सही तरीके से लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की कि वे इस कानून का पालन सुनिश्चित करें, ताकि देश के गरीब रेहड़ी-पटरी वाले लोग इसका लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और असंतुलन
अजय माकन ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा पारित किए गए इस कानून को वर्तमान सरकार सही तरीके से लागू नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उनके स्थानों से हटाया जा रहा है। माकन ने इस असंतुलन पर चिंता जताई और इसे गरीबों के अधिकारों के हनन के रूप में देखा।
निष्कर्ष
अजय माकन के इन आरोपों के बाद यह सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार रेहड़ी-पटरी वालों के अधिकारों और उनके संरक्षण के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है या नहीं। रेहड़ी-पटरी वालों के लिए कानून का सही अनुपालन और उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने की दिशा में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।