new delhi 19 aug- भारत में 21 अगस्त 2024 को ‘भारत बंद’ की घोषणा की गई है, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जोर-शोर से हो रही है। ‘#21_अगस्त_भारत_बंद’ हैशटैग के साथ लगभग 15,400 पोस्ट्स साझा किए गए हैं, जो इस आंदोलन की व्यापकता को दर्शाते हैं।
भारत बंद का कारण:
इस बंद का आयोजन आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति द्वारा किया गया है, जो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण पर दिए गए फैसले के विरोध में है। 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने राज्यों को एससी और एसटी समूहों के भीतर उप-श्रेणियां बनाने की अनुमति दी थी, जिसमें उन समूहों को प्राथमिकता देने का प्रावधान है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। इस फैसले ने कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के बीच गहरी असंतोष की भावना पैदा कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप यह भारत बंद का आह्वान किया गया है।
सुरक्षा और तैयारी:
भारत बंद के दौरान संभावित हिंसा की आशंका को ध्यान में रखते हुए, राज्य और केंद्र सरकारें सुरक्षा के व्यापक उपाय कर रही हैं। विभिन्न राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्थिति का आकलन किया है। विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को संवेदनशील माना जा रहा है, और वहां पुलिस बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ने सभी जिलों में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
बंद का प्रभाव और सेवाओं की स्थिति:
भारत बंद के दौरान, कुछ सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहेंगी जबकि अन्य प्रभावित हो सकती हैं।
– चालू रहेंगी सेवाएं:
– एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहेंगी।
– अस्पताल और चिकित्सा सेवाएं भी खुली रहेंगी।
– बंद रह सकती हैं सेवाएं:
– सार्वजनिक परिवहन सेवाएं आमतौर पर बंद रहती हैं, जिसके चलते लोगों को यात्रा में कठिनाई हो सकती है।
– निजी कार्यालय और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रह सकते हैं।
समर्थन और विरोध:
इस बंद को कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिलने की संभावना है। विशेष रूप से बहुजन संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है और बंद में शामिल होने की घोषणा की है। क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर रखने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान भी तेज हो गया है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अनुचित बताते हुए इसे चुनौती देना है।
अंतिम विचार:
21 अगस्त 2024 का भारत बंद एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन है, जो आरक्षण से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन और बंद के मद्देनजर, प्रशासन की चुनौती है कि वे कानून-व्यवस्था को बनाए रखें और जनसुरक्षा सुनिश्चित करें।