
चुनाव आयोग ने चुनावी भागीदारी को बढ़ावा देने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित एप्लीकेशनों को विकसित किया है। इन एप्लीकेशनों का उद्देश्य न केवल मतदाताओं के अनुभव को सहज बनाना है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना भी है। इस पहल की जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने बताया कि चुनाव आयोग ने इन एप्लीकेशनों को इस तरह से डिजाइन किया है कि वे चुनावी प्रक्रिया के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर कर सकें।
डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने चुनावी भागीदारी बढ़ाने और पारदर्शिता, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आईसीटी एप्लीकेशन विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन एप्स में सुविधा कैंडिडेट ऐप, सी-विजिल, नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) एप, सक्षम एप और वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) शामिल हैं।डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि सुविधा कैंडिडेट एप चुनाव अवधि के दौरान नामांकन और अनुमति प्रक्रिया में उम्मीदवारों की मदद करने के लिए ईसीआई द्वारा तैयार की गई एक मोबाइल एप्लिकेशन है। सुविधा कैंडिडेट एप का उपयोग करने के लिए उम्मीदवारों को एक अकाउंट बनाना होगा और अपनी क्रेडेंशियल्स के साथ लॉग इन करना होगा। लॉग इन करने के बाद उम्मीदवार अपने नामांकन और अनुमति की स्थिति देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि सी-विजिल एप नागरिकों को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है, जबकि नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) एप नागरिकों को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी देने में मदद करता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सक्षम एप दिव्यांग व्यक्तियों को वोट करने के लिए पंजीकरण करने, अपने मतदान केंद्र की जानकारी लेने और अपना वोट डालने में मदद करता है। इस एप में दृष्टिबाधित लोगों के लिए वॉयस असिस्टेंस, श्रवण बाधित लोगों के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के दौरान आने वाली किसी भी समस्या के बारे में शिकायत दर्ज करने के लिए भी सक्षम एप का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मतदाता हेल्पलाइन एप को नए मतदाताओं के पंजीकरण, मतदाता सूची में जनसांख्यिकीय विवरण में सुधार, मतदाता सूची में नाम ढूंढने और अन्य चुनाव संबंधी सेवाओं के लिए तैयार किया गया है।
मतदाता सुविधा केंद्रित एप्लीकेशन्स:
यादव ने बताया कि इन एप्लीकेशनों के माध्यम से मतदाता अपनी मतदाता सूची में नाम दर्ज करने, अपने मतदान केंद्र की जानकारी प्राप्त करने, और अन्य चुनावी सूचनाओं को हासिल करने जैसे कई कार्य आसानी से कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, ‘वोटर हेल्पलाइन’ एप मतदाताओं को उनके मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। इसके अलावा, ‘cVIGIL’ एप के जरिए मतदाता चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं, और यह शिकायत सीधे संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाती है।
पारदर्शिता और सुरक्षा में सुधार:
उन्होंने बताया कि इन एप्लीकेशनों के उपयोग से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। इनकी मदद से मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर किया जा सकेगा और शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिए तंत्र उपलब्ध होगा। इसके अलावा, इन एप्लीकेशनों के जरिए मतदाता डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित की जा सकेगी।
चुनाव प्रक्रिया की निगरानी:
जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि इन आईसीटी एप्लीकेशनों का उपयोग चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए भी किया जाएगा। इससे चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ियों को रोकने और समय पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। यादव ने कहा कि इन एप्लीकेशनों का उद्देश्य मतदाताओं के बीच चुनावी जागरूकता बढ़ाना है, जिससे वे चुनाव प्रक्रिया में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकें।
मतदाताओं से अपील:
आखिर में, निशांत कुमार यादव ने नागरिकों से अपील की कि वे इन आईसीटी एप्लीकेशनों का अधिक से अधिक उपयोग करें और लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि एक जागरूक और सक्रिय मतदाता ही सशक्त लोकतंत्र की नींव रख सकता है, और इन एप्लीकेशनों के जरिए मतदाता इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस प्रकार, चुनाव आयोग की यह पहल मतदाताओं को अधिक सशक्त बनाने और चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।