प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में घटी एक घटना पर माफी मांगी है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा गिर गई थी। यह घटना राज्य और देश भर में लोगों की भावनाओं को आहत करने वाली थी, क्योंकि शिवाजी महाराज का नाम भारतीय इतिहास में एक महान योद्धा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक के रूप में अति सम्मानित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना के बारे में गहरा दुख व्यक्त किया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि यह घटना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह शिवाजी महाराज की महान विरासत का अपमान भी है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र के ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के गौरव हैं, और उनकी प्रतिमा का गिरना एक गंभीर घटना है जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से भी बहुत आहत करती है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस घटना से देशवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं, और उन्होंने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए महाराष्ट्र के लोगों से क्षमा याचना की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस घटना की पूरी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में शिवाजी महाराज के प्रति गहरा आदर प्रकट किया और कहा कि उनकी सरकार शिवाजी महाराज की विरासत के संरक्षण और सम्मान के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस घटना से सीख लेते हुए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
प्रधानमंत्री की माफी ने इस घटना से उत्पन्न राजनीतिक और सामाजिक असंतोष को कुछ हद तक शांत किया है, लेकिन इसके बावजूद, महाराष्ट्र के विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने इस मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठाना जारी रखा है। शिवसेना और एनसीपी सहित विपक्षी दलों ने इस घटना को राज्य और देश की अस्मिता से जोड़ते हुए सरकार की आलोचना की है।
इस घटना के बाद, महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने इस बात की गहन समीक्षा की है कि इस प्रकार की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है, और शिवाजी महाराज जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों के सम्मान की रक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। प्रधानमंत्री की माफी ने लोगों की भावनाओं को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इस घटना के राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों को लेकर चर्चाएं अभी भी जारी हैं।
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