मणिपुर में बढ़ते सुरक्षा खतरों और कानून-व्यवस्था की चुनौतियों के मद्देनज़र सुरक्षा एजेंसियों और केंद्रीय बलों ने राज्य में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं। यह कदम सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए हो रही अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।हाल के दिनों में मणिपुर में ड्रोन के जरिए अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा, कुछ असामाजिक तत्व ड्रोन का उपयोग कर महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर नजर रखने की कोशिश कर रहे थे। इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती महत्वपूर्ण है।यह सिस्टम किसी भी संदिग्ध ड्रोन को डिटेक्ट करने और उसे निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है। एंटी ड्रोन सिस्टम में रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमर्स और ड्रोन को निशाना बनाने वाली स्पेशल लेजर तकनीक शामिल होती है, जो बिना किसी नुकसान के ड्रोन को नियंत्रित कर सकता है। इसके अलावा, यह सिस्टम ड्रोन के स्रोत का भी पता लगा सकता है, जिससे अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान करना आसान हो जाता है।
केंद्र सरकार मणिपुर में कानून व्यवस्था की बहाली के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य में हिंसा और अस्थिरता को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ाई गई है। एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती इस दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है, जिससे सुरक्षा बलों की क्षमताओं में इजाफा होगा और किसी भी संभावित खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सकेगा।
मणिपुर के सीमावर्ती इलाकों में भी ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी और निगरानी को रोकने के लिए यह सिस्टम मददगार साबित होगा। इससे स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों को राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह तैनाती राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में होने वाली किसी भी प्रकार की आतंकी या आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए यह कदम केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर सुरक्षा तंत्र को और अधिक सक्षम बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों और रणनीतियों को लागू करने की योजना बना रही हैं। एंटी ड्रोन सिस्टम का यह कदम भविष्य में सुरक्षा से जुड़े खतरों का सामना करने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगा।