यह मामला तब दर्ज हुआ जब कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने नितेश राणे के भाषण को न केवल राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन बताया, बल्कि इसे जानबूझकर तनाव पैदा करने की कोशिश करार दिया। उन्होंने राणे पर आरोप लगाया कि उनका बयान सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से दिया गया था। शिवसेना और कांग्रेस, जो कि महाराष्ट्र में एक मजबूत गठबंधन के रूप में काम कर चुकी हैं, अब इन टिप्पणियों के बाद एक बार फिर राजनीतिक मोर्चे पर आमने-सामने खड़ी हैं।
राणे पर पहले भी कई बार विवादित बयान देने के आरोप लगे हैं, और उनके बयानों से राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ता रहा है। इस बार, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नितेश राणे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने और राजनीतिक शिष्टाचार के विपरीत आचरण करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने नितेश राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है, और जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, नितेश राणे ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताते हुए खारिज कर दिया है और दावा किया है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब महाराष्ट्र की राजनीति पहले से ही गर्म है, और आगामी चुनावों के मद्देनजर नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। ऐसे में यह विवाद राजनीतिक दलों के बीच और अधिक तनाव पैदा कर सकता है।
शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसे वक्तव्यों से राजनीति में मर्यादा का उल्लंघन होता है और यह समाज को बांटने का काम करता है। वहीं, नितेश राणे के समर्थकों का कहना है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है और इसका उद्देश्य राणे की राजनीतिक छवि को धूमिल करना है।
इस विवाद से महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, और आने वाले दिनों में इस पर और भी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।