चेन्नई के कक्कथोपु इलाके में एक हाई-प्रोफाइल मुठभेड़ के दौरान कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बालाजी को पुलिस ने मार गिराया। बालाजी, जो अपने क्षेत्र में “कक्कथोपु बालाजी” के नाम से जाना जाता था, चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य इलाकों में एक खतरनाक अपराधी के रूप में कुख्यात था। उसके खिलाफ हत्या, लूटपाट, जबरन वसूली और गैंगवार से जुड़े कई गंभीर आरोप थे। बालाजी लंबे समय से पुलिस की वांछित सूची में था और फरार था।
मुठभेड़ की घटना:
चेन्नई पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि बालाजी अपने गिरोह के साथ एक बड़े अपराध की योजना बना रहा है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कक्कथोपु इलाके में घेराबंदी की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बालाजी और उसके साथी पुलिस को देखकर भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन घेराबंदी के कारण उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने भी जवाबी गोलीबारी की, जिसमें बालाजी मौके पर ही मारा गया।
बालाजी का आपराधिक रिकॉर्ड:
बालाजी का नाम चेन्नई के सबसे खतरनाक अपराधियों में शुमार था। उसके खिलाफ कई थानों में केस दर्ज थे और उसने अपने आपराधिक गिरोह के जरिए इलाके में खौफ का माहौल बना रखा था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बालाजी ने पिछले कई वर्षों में कई हत्याओं, लूटपाट और जमीन हड़पने जैसी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उसके आतंक से इलाके के लोग भयभीत रहते थे और पुलिस पर लगातार उसके खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव था।
पुलिस की प्रतिक्रिया:
पुलिस ने इस मुठभेड़ को एक बड़ी कामयाबी बताया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “बालाजी की मौत से चेन्नई में अपराध के एक बड़े अध्याय का अंत हुआ है। वह एक खतरनाक अपराधी था जो लगातार कानून से बचने में कामयाब हो रहा था, लेकिन इस बार हमने उसे घेर लिया और उसे कोई मौका नहीं मिला।” अधिकारी ने यह भी बताया कि पुलिस अब बालाजी के गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
इलाके में तनाव:
बालाजी के मारे जाने के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया है। उसके समर्थक और गिरोह के सदस्य घटना के बाद से फरार हैं। पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थानीय निवासियों ने हालांकि राहत की सांस ली है, क्योंकि बालाजी का आतंक लंबे समय से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा था।
आगे की जांच:
पुलिस इस मुठभेड़ की विस्तृत जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बालाजी के गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल थे और उनकी अपराध योजनाएँ क्या थीं। पुलिस यह भी देख रही है कि बालाजी के संपर्क किन-किन बड़े अपराधियों या राजनीतिक हस्तियों से थे, ताकि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
इस मुठभेड़ के बाद चेन्नई पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है, लेकिन इलाके में अब भी सतर्कता बनी हुई है।