हरियाणा में मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस पार्टी में बड़ा विवाद
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी की तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी के भीतर कुछ नेताओं ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी जतानी शुरू कर दी है। इस विवाद ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी चुनौती में डाल दिया है, क्योंकि राज्य में एकजुटता बनाए रखना अब उनके लिए महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस में आंतरिक विवाद:
हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नेताओं के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उनके समर्थक अगला मुख्यमंत्री मानकर चल रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर अन्य वरिष्ठ नेता, जैसे कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला, भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के इच्छुक हो सकते हैं। पार्टी के भीतर यह विवाद इस बात की ओर इशारा करता है कि नेतृत्व चयन में आंतरिक संघर्ष उभर सकता है।
इस विवाद के चलते कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेताओं को इस मामले में संतुलन बनाए रखने के लिए काम करना होगा, ताकि पार्टी के भीतर किसी प्रकार की गुटबाजी चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित न करे।
भाजपा में भी संघर्ष:
कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर आंतरिक संघर्ष सामने आ रहा है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की है, जो मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए एक चुनौती हो सकती है। अनिल विज का यह ऐलान भाजपा के भीतर भी गुटबाजी का संकेत दे रहा है, जिससे पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों को चिंता हो सकती है।
चुनावी स्थिति:
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में मुख्यमंत्री पद को लेकर छिड़ी यह जंग चुनाव के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। हरियाणा के मतदाता इस बात पर नजर रख रहे हैं कि किस नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जाता है और यह उनके निर्णय को भी प्रभावित कर सकता है।
कांग्रेस की रणनीति:
कांग्रेस के लिए इस समय सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है कि वह चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए एक सर्वसम्मति वाला उम्मीदवार चुन सके। यदि पार्टी यह काम नहीं कर पाती है, तो आंतरिक मतभेद उसे चुनाव में नुकसान पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को हरियाणा की राजनीति की पेचीदगियों को समझते हुए सही समय पर उम्मीदवार घोषित करना होगा ताकि पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ सके।
हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियों में मुख्यमंत्री पद को लेकर आंतरिक संघर्ष सामने आ रहा है। कांग्रेस के लिए यह विवाद एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, जहां राष्ट्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप कर पार्टी को एकजुट रखना होगा। वहीं, भाजपा के भीतर भी अनिल विज के दावे ने पार्टी के भीतर की खींचतान को उजागर किया है।