हाईकोर्ट के रिकाॅर्ड रूम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन 14 हजार वर्ग फीट रेंट फ्री जगह देने को तैयार
चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रिकॉर्ड रूम की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। प्रशासन ने हाईकोर्ट को 14,000 वर्ग फीट की जगह बिना किसी किराए के उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है। यह जगह हाईकोर्ट के बढ़ते दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स के संग्रहण के लिए दी जा रही है, जिससे कोर्ट के कामकाज को अधिक व्यवस्थित और कुशल बनाया जा सके।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते केस रिकॉर्ड्स और संबंधित दस्तावेजों का विशाल संग्रह हो चुका है। मौजूदा रिकॉर्ड रूम में जगह की कमी की वजह से दस्तावेजों को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से रख पाना मुश्किल हो रहा था। कई बार महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ढूंढने में देरी और अन्य प्रशासनिक समस्याएं सामने आती थीं, जो न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रही थीं।
इस स्थिति को देखते हुए, हाईकोर्ट के अधिकारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन से अतिरिक्त जगह की मांग की थी, ताकि कोर्ट के रिकॉर्ड्स को व्यवस्थित तरीके से रखा जा सके और प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आ सके। प्रशासन ने हाईकोर्ट की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए 14,000 वर्ग फीट की जगह बिना किसी किराए के देने का निर्णय लिया।
प्रशासन द्वारा दी गई यह जगह हाईकोर्ट के रिकॉर्ड रूम के विस्तार के लिए इस्तेमाल की जाएगी। यहां पर कोर्ट के पुराने और नए सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज, केस फाइल्स, और अन्य जरूरी रिकॉर्ड्स को संग्रहीत किया जाएगा। इससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी और रिकॉर्ड्स की उचित देखरेख और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
यह जगह हाईकोर्ट के भीतर ही या उसके नजदीक एक ऐसे स्थान पर दी जाएगी, जहां से कोर्ट के अधिकारियों को आसानी से दस्तावेजों की पहुंच मिल सके। इस फैसले से हाईकोर्ट के रिकॉर्ड प्रबंधन को लेकर चल रही परेशानियों का समाधान होगा और कोर्ट का कामकाज अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सकेगा।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बिना किराए के इस जगह का उपलब्ध कराना न्यायपालिका के प्रति प्रशासन की सहयोगी भावना को दर्शाता है। यह कदम न्यायिक सुधार और न्यायपालिका के कार्यों को सरल बनाने के दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इस फैसले से न केवल हाईकोर्ट के कामकाज में सुधार होगा, बल्कि इससे न्यायपालिका और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा, जो कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की न्यायिक प्रणाली के लिए लाभकारी होगा।
इस नई जगह के मिलने के बाद, हाईकोर्ट के रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण और प्रभावी प्रबंधन करने की योजना भी बनाई जा सकती है। इससे कोर्ट में लंबित मामलों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी और दस्तावेजों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। आने वाले समय में इस तरह के फैसलों से न्यायिक प्रक्रिया को और भी तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की संभावना है।
चंडीगढ़ प्रशासन का यह निर्णय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के कामकाज को सरल और अधिक प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। 14,000 वर्ग फीट की यह रेंट-फ्री जगह न केवल हाईकोर्ट के रिकॉर्ड्स के लिए उपयोगी साबित होगी, बल्कि इससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार और समय की बचत भी होगी। प्रशासन और न्यायपालिका के बीच इस तरह का सहयोग न्याय व्यवस्था की मजबूती और कार्यकुशलता के लिए एक सराहनीय कदम है।