गुरूग्राम,एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि माइक्रो ऑब्जर्वर मतदान के दिन बूथ पर अपनी ड्यूटी के प्रति सतर्क रहें। माइक्रो ऑब्जर्वर को मतदान की समाप्ति के बाद अपनी रिपोर्ट दिए गए फार्मेट में विधानसभा के जनरल ऑब्जर्वर को जमा करवानी है।
एडीसी जिला परिषद स्वतंत्रता सेनानी सभागार में चारों विधानसभा क्षेत्रों के नियुक्त किए माइक्रो ऑब्जर्वर की ट्रेनिंग वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बादशाहपुर में 21, गुड़गांव में दस, पटौदी में 21 तथा सोहना में 23 माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। विधानसभा चुनाव में 22 रिजर्व सहित कुल 97 माइक्रो ऑब्जर्वर लगाए गए हैं। आज इन सभी को ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया गया। पीपीटी के माध्यम से प्रोजेक्टर स्क्रीन पर ट्रेनिंग देते हुए एडीसी ने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की ड्यूटी लगाई जाएगी। द्वितीय चरण के रैंडेमाइजेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन्हें बता दिया जाएगा कि कौन से गांव या बूथ पर इनकी ड्यूटी रहेगी।
एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि माइक्रो ऑब्जर्वर को पांच अक्तूबर के दिन सुबह चार बजे तक अपने बूथ पर पहुंचना है। सुबह 5.30 बजे मॉकपोल शुरू हो जाएगा। माइक्रो ऑब्जर्वर को यह देखना होगा कि मॉकपोल के समय कितने पोलिंग एजेंट उपस्थित रहे। मॉकपोल के समय कितनी पर्चियां वीवीपैट से निकाली गई और उसके बाद क्लोज व रिजल्ट का बटन दबाया गया या नहीं। क्रिटिकल बूथों पर सीसीटीवी कैमरे व वीडियोग्राफर भी नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की इन मतदान केंद्रों पर तैनाती होगी। सुबह 5.30 बजे मॉकपोल, उसके बाद सात बजे पोलिंग शुरू होने, शाम को मतदान की समाप्ति और उसके बाद बूथ से पोलिंग पार्टी के रवाना होने तक की सारी गतिविधियों को माइक्रो ऑब्जर्वर ध्यान से नोट करेंगे।
उन्होंने कहा कि कोई माइक्रो ऑब्जर्वर अपने वाहन से बूथ तक नहीं जा सकता है तो उसे चार अक्तूबर को दोपहर बाद पोलिंग पार्टी के साथ गंतव्य स्थल तक भेजा जाएगा। एक माइक्रो ऑब्जर्वर के पास एक बिल्डिंग में एक से अधिक दो या तीन मतदान केंद्र भी हो सकते हैं। इसलिए उसे सभी मतदान केंद्रों की रिपोर्ट तैयार करनी होगी। मतदान की गोपनीयता, पोलिंग पार्टी का बूथ पर व्यवहार, पोलिंग एजेंटों की गतिविधियां, मतदाताओं का वोट डालने के लिए आना, फर्जी पोलिंग का प्रयास, बूथ पर मूलभूत सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्था, ईवीएम व वीवीपैट की प्रोपर वर्किंग, फार्म 17 सी पोलिंग एजेंटों को दिया जाना, पीओ डायरी का भरना आदि एक-एक एक्विटी को माइक्रो ऑब्जर्वर नोट करेंगे। उन्हेें किसी कार्य में हस्तक्षेप कतई नहीं करना है।
ट्रेनिंग वर्कशॉप में अनुदेशक जसमेर सिंह ने ईवीएम तथा वीवीपैट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वोटिंग समाप्त होने के बाद माइक्रो ऑब्जर्वर भी ईवीएम के एड्रेस टैग की स्लिप पर अपने हस्ताक्षर करेंगे। माइक्रो ऑब्जर्वर चुनाव में अपना वोट डाल सकें, इसके लिए उनसे फार्म 12 भरवा कर जमा करवाए गए। इस अवसर पर स्वीप सलाहकार संतलाल, नवीन कुमार , अनुज, त्रिलोकचंद, रामरूप इत्यादि मौजूद रहे।
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