पिछले 5 वर्षों से भाजपा पूर्व विधायक ने सरकारी जमीन पर किया हुआ है कब्जा।
अब क्या विधायक पद जाने से खाली कराएगा प्रशासन कब्जा।
गुरुग्राम।
हरियाणा के गुरुग्राम में भाजपा के पूर्व विधायक सत्य प्रकाश जरावता का सरकारी जमीन पर कब्जा एक गंभीर मुद्दा बन गया है। पिछले पांच वर्षों से मानेसर आईएमटी चौक पर स्थित इस भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
आम नागरिकों के खिलाफ ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है,
सत्य प्रकाश जरावता ने सरकारी पार्किंग स्थल और पार्क के क्षेत्र में कई एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है। इस अवैध निर्माण में पक्के ऑफिस और टेंट लगाए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पूर्व विधायक के प्रभाव के कारण वे कार्रवाई करने में असमर्थ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि आम नागरिकों के खिलाफ ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है, लेकिन बड़े राजनीतिक हस्तियों के मामले में चुप्पी साधी गई है।
प्रशासनिक दबाव
स्थानीय प्रशासन इस मामले में हिचकिचाहट का सामना कर रहा है। पूर्व विधायक के राजनीतिक संबंधों के कारण अधिकारी उनकी गतिविधियों के खिलाफ कोई कदम उठाने से कतराते रहे हैं। इसके चलते, सरकारी भूमि पर कब्जा बढ़ता गया है, और स्थिति अब तक बनी हुई है।
अगर कोई आम आदमी पंचायती व नगर निगम की दो गज जमीन पर कब्जा कर लेता है तो उसके पूरे मकान को तोड़ दिया जाता है मगर यहां कई एकड़ में कब्जा किया हुआ है कोई अधिकारी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा
राजनीतिक समीकरण में बदलाव
हाल ही में भाजपा की विमला चौधरी के विधायक बनने से स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। पूर्व विधायक और नई विधायक के बीच 36 का आंकड़ा होने के कारण, अब यह देखना होगा कि क्या नए प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में कार्रवाई कर पाएंगे। यह राजनीतिक समीकरण भविष्य में सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
हरियाणा में एक कहावत है अगर बाढ़ ही खेत को खायेंगी तो फसल कैसे होगी यह कहावत मानेसर आईएमटी गुरुग्राम में एचएसआईडीसी की भूमि पर लागू हो रही है।
गुरुग्राम के मानेसर में भाजपा के पूर्व विधायक द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राजनीति और प्रशासन के बीच के संबंधों की गहरी जड़ें दिखाता है। यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए चिंताजनक होगा, बल्कि यह लोकतंत्र की संस्थाओं की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करेगा। आगामी समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन इस अवैध कब्जे को समाप्त करने में सक्षम होगा या नहीं।
हरियाणा में सरकारी संपत्तियों का सही संरक्षण हो सके और अवैध कब्जों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके।
इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, ताकि हरियाणा में सरकारी संपत्तियों का सही संरक्षण हो सके और अवैध कब्जों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके।