डेंगू के मरीजों के बीच बकरी का दूध एक महत्वपूर्ण
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर: पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में डेंगू और मलेरिया के मामलों में भारी वृद्धि हो रही है। ग्रामीण इलाकों में यह बीमारियाँ अधिक गंभीर हो गई हैं, जहां अस्पतालों में जगह की कमी के चलते मरीज घरों में इलाज करा रहे हैं और देसी उपचार विधियों पर निर्भर हो रहे हैं। डेंगू अब जानलेवा साबित हो रहा है, और लोग बकरी का दूध और पपीते के पत्तों जैसे घरेलू उपचारों को रामबाण मान रहे हैं।
बकरी के दूध की मांग में उछाल
डेंगू के मरीजों के बीच बकरी का दूध एक महत्वपूर्ण उपचार के रूप में उभर रहा है, जिसके चलते इसकी मांग में भारी इजाफा हुआ है। बकरी के दूध की कीमतें अब ₹300 प्रति किलो से भी अधिक हो गई हैं, जबकि देसी बकरी का दूध ₹1000 प्रति किलो तक पहुंच गया है। ग्रामीण इलाकों में मरीज बकरी के दूध का सेवन प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कर रहे हैं, और कई अस्पतालों में दूध बेचने वाले विक्रेता मरीजों और उनके परिजनों के बीच इसे वितरित कर रहे हैं।
पपीते के पत्तों का उपयोग
पपीते के पत्ते भी डेंगू के इलाज के लिए रामबाण माने जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, डेंगू से पीड़ित लोग इन पत्तों का रस निकालकर पी रहे हैं, यह मानते हुए कि इससे प्लेटलेट्स में वृद्धि होती है और मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
डॉक्टरों की प्रतिक्रिया
डॉक्टर भी मरीजों को घरेलू उपचार की सलाह दे रहे हैं।
अस्पतालों में जगह की कमी के चलते कई डॉक्टर भी मरीजों को घरेलू उपचार की सलाह दे रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिक रूप से इन घरेलू उपचारों की प्रभावशीलता पर स्पष्ट राय नहीं है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि बकरी का दूध और पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। कई डॉक्टर मरीजों को इन देसी दवाओं के साथ-साथ मेडिकल उपचार जारी रखने की सलाह दे रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर स्थिति
अस्पतालों के बजाय घर पर ही उपचार करा रहे हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू और मलेरिया की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण लोग अस्पतालों के बजाय घर पर ही उपचार करा रहे हैं, जिससे डेंगू के कारण होने वाली मौतों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अस्पतालों में जगह की कमी के चलते लोग देसी उपचारों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं, और बकरी के दूध व पपीते के पत्तों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
आवश्यक कदम
लोगों को सही जानकारी व इलाज उपलब्ध कराना बेहद जरूरी
सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इन बढ़ते मामलों पर त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दूर करना, और लोगों को सही जानकारी व इलाज उपलब्ध कराना बेहद जरूरी हो गया है। देसी उपचार के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रोगियों को सही इलाज की आवश्यकता है, ताकि डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके।