अगर सरकार अपने पोर्टल को सही ढंग से अपडेट नहीं कर पा रही है, तो नागरिकों को सही जानकारी कैसे मिलेगी?
चंडीगढ़, 1 नवंबर: हरियाणा सरकार के पोर्टल पर तीन मुख्य सचिवों का नाम दिखाना एक विवाद का विषय बन गया है। जब सरकार ने रात 12:00 बजे ईमानदार अधिकारी विवेक जोशी को मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया, तो पोर्टल पर पहले से मौजूद अधिकारियों के नाम अभी भी हटा नहीं पाए गए हैं।
हरियाणा सरकार को ‘पोर्टल की सरकार’ कहा जाता है, जहां गड़बड़ियों को रोकने का दावा किया जाता है। लेकिन इस स्थिति ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि अगर सरकार अपने पोर्टल को सही ढंग से अपडेट नहीं कर पा रही है, तो नागरिकों को सही जानकारी कैसे मिलेगी?
नियुक्ति का समय: रात 12:00 बजे की क्यों?
सरकार की ओर से रात 12:00 बजे एक और मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अस्थाई नियुक्ति की गई, जो कि एक असामान्य समय है। इसके पीछे की वजह क्या थी, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। चर्चा यह है कि क्या इस समय कोई विशेष फाइल या मामला था, जिसे जल्दी निपटाना जरूरी था।
पुरानी स्थिति का निरंतरता
विशेष रूप से, जोशी की नियुक्ति के बावजूद, पिछले मुख्य सचिव का नाम अभी भी सरकारी पोर्टल पर बना हुआ है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सरकार की प्रक्रियाएं पारदर्शी और प्रभावी हैं। अधिकारियों का यह विवादित मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, और यह नागरिकों के लिए चिंता का कारण बन सकता है।
कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं का सही प्रबंधन आवश्यक है।
हरियाणा सरकार की इस स्थिति ने न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं का सही प्रबंधन आवश्यक है। जब नागरिकों को सही और समय पर जानकारी नहीं मिलती, तो यह सरकारी विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। इस मामले पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।