नई दिल्ली, 1 नवंबर: भारत में हिंदुओं के त्योहार अब एक दिन के बजाय दो या तीन दिन मनाए जाने की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। यह स्थिति त्योहारों के समय और तिथि को लेकर भ्रम का कारण बन रही है, क्योंकि विभिन्न पंडित और पंचांग अपनी-अपनी बातों को लेकर असहमत हैं।
त्योहार मनाने की विधि में भिन्नता आ रही है।
हाल ही में, हरियाणा सरकार ने 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने की घोषणा की, जबकि राजस्थान सरकार 1 नवंबर को इसे मनाने का निर्णय ले रही है। इस प्रकार, देशभर में दिवाली का त्योहार अब दो दिन का हो गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच भी त्योहार मनाने की विधि में भिन्नता आ रही है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भिन्नता
ग्रामीण क्षेत्रों में त्योहार मनाने की परंपरा अलग है, जहां गोवर्धन पूजा 3 नवंबर को मनाई जाएगी। वहीं, शहरी क्षेत्रों में दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई गई। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकारों और धार्मिक परंपराओं के बीच एक नई कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है।
पंडितों की भूमिका
पंडितों ने 1 नवंबर को दिवाली मनाने की अपील की, लेकिन इससे पहले ही विद्वान पंडितों ने 31 अक्टूबर को इसे मनाने की सलाह दी। ऐसे में आम लोगों के लिए यह तय करना मुश्किल हो गया है कि वे कब त्योहार मनाएं।
आखिर कब और कैसे त्योहार मनाना चाहिए।
भारत में त्योहारों का यह नया रूप एक चुनौती बनता जा रहा है, क्योंकि लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर कब और कैसे त्योहार मनाना चाहिए। इस कंफ्यूजन के बीच, सरकारों और धार्मिक नेताओं को स्पष्टता लाने की आवश्यकता है, ताकि जनता सही जानकारी के आधार पर अपने पर्व का आनंद ले सके।