मथुरा – गोवर्धन पूजा के अवसर पर मथुरा में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की 21 किलोमीटर की परिक्रमा कर रहे हैं, और अब तक लगभग 3 लाख श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया है। शाम तक 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
विदेशी भक्तों की भी भागीदारी
भक्त ढोल-नगाड़ों पर डांस करते हुए धार्मिक उत्साह का आनंद ले रहे हैं।
इस साल, भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी भक्त यहां पहुंचे हैं। भक्त ढोल-नगाड़ों पर डांस करते हुए धार्मिक उत्साह का आनंद ले रहे हैं। यह दृश्य देखने के लिए अनोखा और मनमोहक है, जो इस पर्व की भक्ति और एकता को दर्शाता है।
गिरिराज जी को अर्पित भोग
इस पर्व पर, श्रद्धालुओं ने गिरिराज जी को 1008 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया। इस परंपरा का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। भक्तगण घरों में भी गाय के गोबर से गिरिराज जी की प्रतिमाएँ बनाकर पूजा कर रहे हैं।
अन्नकूट का आयोजन
श्रद्धालुओं ने गिरिराज जी को 1008 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया।
गौरतलब है कि इस पर्व पर लोग नए अनाज से बने विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर उन्हें भोग में अर्पित करते हैं, जिसे अन्नकूट कहा जाता है। यह भारतीय संस्कृति में समृद्धि और समर्पण का प्रतीक है।
गोवर्धन पूजा का यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है
मथुरा में गोवर्धन पूजा का यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि भक्तों की एकता और भक्ति का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे आयोजनों से न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का भी अनुभव होता है। इस प्रकार के पर्व भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं।