गुरुग्राम, 3 नवंबर: धान उत्पादक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए किसानों से अपील की है कि वे धान की कटाई के बाद अपने खेतों में आग न लगाएं। आग लगाने से न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
फसल अवशेष प्रबंधन योजना
यह प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना एसबी-82, 2024-25 के तहत यह प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। धान अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी। यह कदम मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता करेगा।
आवेदन प्रक्रिया
उपायुक्त ने बताया कि जिला के किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सेबल एमबी प्लॉव और जीरो टिल सीड ड्रील की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर आवेदन करना होगा।
किसानों को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर आवेदन करना होगा। इसके साथ ही ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन करवाना होगा और जीपीएस लोकेशन के साथ फसल प्रबंधन की फोटो अपलोड करनी होगी। सत्यापन के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ प्रदान किया जाएगा।
पराली जलाने पर जुर्माना
पराली जलाएंगे, उन पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जो किसान पराली जलाएंगे, उन पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, एफआईआर दर्ज की जाएगी और मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर एंट्री की जाएगी। इस कारण, आग लगाने वाले किसान दो सीजन तक मंडी में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।
एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए दी जा रही प्रोत्साहन राशि और सख्त नियमों के माध्यम से हरियाणा सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करेगी, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान देगी।