गुरुग्राम, 4 नवंबर: दिल्ली और हरियाणा के बीच स्थित गुरुग्राम में पॉल्यूशन की समस्या अब गंभीर रूप ले चुकी है। दिन के समय भी अंधेरा छाया हुआ है, जिससे लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई और अन्य समस्याएँ आम हो गई हैं।
पॉल्यूशन के चलते आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई और अन्य समस्याएँ आम हो गई हैं। सीनियर सिटीजन घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं, वहीं छोटे बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतें आ रही हैं। कई छात्र आंखें मलते हुए विद्यालय पहुँच रहे हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
प्रशासनिक नाकामी
पटाखों, गाड़ियों और पराली जलाने—को लेकर बहस चल रही है।
दिवाली के बाद से पॉल्यूशन बढ़ने का सिलसिला जारी है। विभिन्न कारणों—पटाखों, गाड़ियों और पराली जलाने—को लेकर बहस चल रही है। दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर आरोप लगाया है कि वहां पराली जलाने के कारण दिल्ली का पॉल्यूशन बढ़ रहा है। वहीं, हरियाणा सरकार का कहना है कि दिल्ली में अधिक गाड़ियों की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई है।
राजनीतिक विवाद
हरियाणा सरकार दिल्ली की गाड़ियों को इसका मुख्य कारण बता रही है।
इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। दिल्ली सरकार हरियाणा पर पॉल्यूशन के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि हरियाणा सरकार दिल्ली की गाड़ियों को इसका मुख्य कारण बता रही है। इस राजनीतिक विवाद के बीच आम नागरिक की स्थिति बदतर होती जा रही है।
लोगों की चिंताएँ
आम आदमी अब सुबह घर से निकलने में भी डरने लगा है।
पॉल्यूशन के कारण आम आदमी अब सुबह घर से निकलने में भी डरने लगा है। दमा और खांसी के मरीज घर में ही कैद रहने पर मजबूर हैं। अस्पतालों में भी इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सरकार के पास इस स्थिति को संभालने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं हैं।
बल्कि जनजीवन पर भी भारी पड़ रहा है।
दिल्ली एनसीआर में पॉल्यूशन का यह संकट केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि जनजीवन पर भी भारी पड़ रहा है। इस गंभीर स्थिति के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को राहत मिल सके। राजनीतिक विवादों के बजाय, सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।