चंडीगढ़, 22 अप्रैल
मुख्यमंत्री ने कहा कि टी.बी. रोगी को इलाज के दौरान हर महीने 500 रुपये पोषण भत्ता भी दिया जा रहा है. अब तक पोषण भत्ते के रूप में लगभग 80 करोड़ रुपये सीधे टी.बी. रोगियों के बैंक खाते में दिए जा चुके हैं. इन्हें मिलाकर राष्ट्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत टी.बी. रोगियों को अब तक 91 करोड़ 39 लाख रुपये दिए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम के तहत न केवल टी.बी. का इलाज मुफ्त करने का प्रावधान किया, बल्कि इससे बचाव और निरंतर इलाज कराने के लिए लोगों को जागरूक भी किया.
हरियाणा में टीवी की जांच व इलाज के लिए स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को किया गया मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने टी.बी. की मुफ्त जांच के लिए 350 कफ जांच केंद्र, 80 मॉलिक्यूलर प्रयोगशालाएं एवं 2 कल्चर प्रयोगशालाएं संचालित की हैं. मुफ्त इलाज के लिए हर ब्लॉक पर टी.बी. यूनिट का निर्माण किया गया है और प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टी.बी. की दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. कोई भी व्यक्ति, जिसे दो सप्ताह तक खांसी हो, वह इन जांच केन्द्रों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर अपनी निःशुल्क जांच करवा सकता है. प्रदेश में वर्ष 2022 में 75,730 टी.बी. रोगियों की पहचान की गयी थी, जिसमें 40,276 रोगी अभी भी उपचाराधीन हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टी.बी. रोगियों के इलाज में सहयोग देने के लिए आशा वर्कर्स और अन्य कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देते हैं. अब तक उन्हें लगभग 8 करोड़ रुपये दिये गये हैं। हमारा लक्ष्य है कि टी.बी. रोगियों को घर के बिल्कुल नजदीक टी.बी. का इलाज मिले, इसलिए हमने टी.बी. के रोगियों की देखभाल के लिए प्राइवेट डॉक्टरों एवं अस्पतालों को भी लगभग 4 करोड़ रुपये दिए हैं. उनके पास भी अपना इलाज मुफ्त करवा सकते हैं.
वर्ष 2025 तक टी.बी. के उन्मूलन के लिए जिले एवं ब्लॉक स्तर पर टी.बी. की सेवाओं के निरंतर मूल्यांकन एवं सुधार के लिए टी.बी. फोरम का निर्माण किया गया है. सामाजिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों को भी टी.बी. उन्मूलन गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है.
संवाद कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े मेदांता अस्पताल के डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मेदांता अस्पताल सरकार के साथ जुड़कर हरियाणा को टीबी मुक्त करने के प्रयास में पूरी तरह सहयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज 6 महीने तक चलता है, इसलिए कोई भी रोगी इस इलाज को बीच में न छोड़े और अपना इलाज पूरा करें तभी हरियाणा के साथ-साथ देश को टीबी मुक्त किया जा सकता है.
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी अनुपमा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना लोक संपर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल और महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सोनिया त्रिखा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.