पीटीआई के पत्रकारों के साथ मारपीट
टोंक, 14 नवंबर – गुरुवार को देवली उनियारा के निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र मीणा की गिरफ्तारी के बाद टोंक में हालात तनावपूर्ण हो गए। आगजनी की घटनाओं की कवरेज करने गए पीटीआई के पत्रकार अजित सिंह और कैमरामैन धर्मेंद्र के साथ उपद्रवियों ने गम्भीर मारपीट की। हमलावरों ने उनके कैमरे और मोबाइल फोन तोड़ दिए और दूसरे पत्रकारों पर भी हमला करने के लिए दौड़े। इस हमले के दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही, जिससे पत्रकारों के बीच आक्रोश फैल गया।
यह घटना तब हुई जब पीटीआई के पत्रकार और कैमरामैन आगजनी की घटना की रिपोर्टिंग के लिए पहुंचे थे। इससे पहले, देवली में एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद स्थितियां और भी बिगड़ी थीं, और पत्रकारों पर हमले के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। उपद्रवी लोगों ने न केवल पत्रकारों के उपकरण तोड़े, बल्कि उन्हें धमकाते हुए मारपीट की।
पुलिस की निष्क्रियता
यहां तक कि जब पत्रकारों पर हमला हो रहा था, पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही और कोई कार्रवाई नहीं की। उपद्रवियों द्वारा पत्रकारों पर हमला करने के बावजूद पुलिस ने मूक दर्शक बने रहने का काम किया, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई।
जार की गिरफ्तारी की मांग
राजस्थान पत्रकार संघ (जार) ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है। जार ने कहा कि यह हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है, और ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संघ ने यह भी कहा कि यदि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो पत्रकार संगठन बड़ा आंदोलन शुरू कर सकते हैं।
यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, और यह इस बात का संकेत है कि पत्रकारों को बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए मजबूत सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन कार्रवाई में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।