नई दिल्ली, 19 नवंबर: इस वर्ष मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 28 नवंबर 2024 को रखा जाएगा। यह व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस दिन सुबह 06:23 बजे शुरू होकर 29 नवंबर को सुबह 09:43 बजे तक रहेगा। चूंकि यह व्रत गुरुवार को पड़ रहा है, इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
इस दिन विशेष रूप से सौभाग्य योग का निर्माण भी हो रहा है, जो शाम 4 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, चित्रा नक्षत्र का संयोग भी बनेगा। यह नक्षत्र विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसमें भगवान शिव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियों का वास होता है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत की पूजा विधि में कुछ विशेष ध्यान रखने योग्य बातें होती हैं।
- स्नान और शुद्धता: पूजा शुरू करने से पहले शुद्धता की आवश्यकता होती है, इसलिए सबसे पहले स्वच्छ स्नान करें। इसके बाद अच्छे कपड़े पहनकर पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- व्रत का संकल्प: प्रदोष व्रत के दिन शिव जी का व्रत संकल्प लें और पूरे दिन उपवासी रहकर शिव की पूजा करें। इस दिन रात्रि में भगवान शिव का पूजन विशेष महत्व रखता है।
- शिव पूजन:
- भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पहले उनका आवाहन करें और फिर बेलपत्र, आक का फूल, दूध, जल, शहद, घी, दही, शकर, फल आदि अर्पित करें।
- दीपक जलाकर भगवान शिव का ध्यान करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- विशेष रूप से इस दिन लिंग पूजन भी करना बहुत शुभ माना जाता है।
- गुरु प्रदोष व्रत में गुरु के महत्व को ध्यान में रखते हुए, गुरु पूजा भी करनी चाहिए।
- इस दिन व्रति भगवान शिव के साथ-साथ गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनका पूजन भी करें।
- गुरु को शुद्ध जल, फल, और पुष्प अर्पित करें और उनके चरणों में प्रणाम करें।
- आरती और भजन:
पूजा के बाद, भगवान शिव की आरती गाकर व्रत का समापन करें। साथ ही शिव के भजनों का गायन करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। - भिक्षाटन:
व्रत के दिन दान-पुण्य करना भी महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन या वस्त्र दान करें।
विशेष ध्यान रखने योग्य बातें
- प्रदोष व्रत का दिन विशेष रूप से तामसिक वस्तुएं जैसे मांसाहार, मदिरा आदि से बचने का होता है।
- उपवास रखना बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होने पर उपवास का पालन सावधानी से करें।
- प्रदोष व्रत का पालन करने से शिव जी की विशेष कृपा मिलती है, साथ ही यह व्रत मनोवांछित फल देने वाला होता है, विशेष रूप से पारिवारिक सुख और समृद्धि के लिए।
इस दिन शिव के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है, और विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में खुशियाँ और सौभाग्य बढ़ता है।