
पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी की ताकत घटी है
महाराष्ट्र 23 नवंबर। महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित हुए। इन नतीजों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है, खासकर कोंकण और विदर्भ में। वहीं, विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है। पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी की ताकत घटी है, जबकि भाजपा ने यहां भी अपनी स्थिति को मजबूत किया है। भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया, जबकि महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा।
राज्यवार नतीजे:
जो बहुमत के आंकड़े 145 से काफी अधिक हैं।
महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं। इस बार के नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति (भा.ज.पा., शिवसेना और एनसीपी (अजित गुट)) को करीब 221 सीटें मिलती दिख रही हैं, जो बहुमत के आंकड़े 145 से काफी अधिक हैं। वहीं, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी)) को केवल 54 सीटें मिल रही हैं।
क्षेत्रवार नतीजे:
भाजपा ने इन क्षेत्रों में अपने प्रभाव को और अधिक मजबूत किया है।
कोंकण और विदर्भ में भाजपा ने अपनी ताकत बढ़ाई: भाजपा ने इन क्षेत्रों में अपने प्रभाव को और अधिक मजबूत किया है। यहां के चुनाव परिणामों से यह साफ हो गया है कि भाजपा की रणनीतियाँ और स्थानीय प्रभाव इन क्षेत्रों में कारगर साबित हुई हैं।
पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी की ताकत में गिरावट: पश्चिम महाराष्ट्र, जो शरद पवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता था, में उनकी पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने यहां भी अच्छी सीटें हासिल की हैं।
कांग्रेस को कई क्षेत्रों में नुकसान: कांग्रेस का प्रदर्शन राज्य के विभिन्न हिस्सों में कमजोर रहा है। पार्टी को कई प्रमुख क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा है, जो उसकी स्थिति को कमजोर करने का संकेत है।
2024 विधानसभा चुनाव के प्रमुख नतीजे:
भा.ज.पा. (126 सीटें) और शिवसेना (54 सीटें) ने मिलकर कुल 180 सीटें जीती हैं, जबकि अजित पवार की एनसीपी को 38 सीटें मिली हैं। इससे कुल मिलाकर 221 सीटों के साथ महायुति ने मजबूत बढ़त बनाई है।
महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं, जबकि एनसीपी को 54 सीटें प्राप्त हुई हैं। इस गठबंधन को सिर्फ 54 सीटें ही मिलीं, जो 2019 के नतीजों से कम हैं।
2019 चुनाव से तुलना:
भाजपा और शिवसेना ने मिलकर 161 सीटों पर जीत दर्ज की थी
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर 161 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि महाविकास अघाड़ी के नेतृत्व में एनसीपी को 54 सीटें और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। इस बार के नतीजों में भाजपा की स्थिति बहुत मजबूत हुई है, और महायुति को 220 सीटों के करीब जीत मिल रही है, जो उन्हें राज्य में स्पष्ट बहुमत दिलाती है।
महाराष्ट्र के राजनीतिक क्षेत्र:
महाराष्ट्र की विधानसभा को पाँच क्षेत्रों में बांटा गया है, जिनमें शामिल हैं:
विदर्भ
मराठवाड़ा
पश्चिमी महाराष्ट्र
कोंकण
उत्तर महाराष्ट्र
इन क्षेत्रों के आधार पर ही राज्य में राजनीतिक समीकरण बनते हैं। नतीजे बताते हैं कि भाजपा ने इन क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाया है, जबकि विपक्षी दलों का प्रदर्शन कमजोर रहा है।महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। क्षेत्रवार परिणामों से यह स्पष्ट है कि भाजपा ने अपनी राजनीतिक रणनीतियों के माध्यम से कोंकण, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है। महाविकास अघाड़ी की रणनीतियाँ और प्रयास इस बार भाजपा के सामने असरदार साबित नहीं हो पाए, और इसका फायदा महायुति को हुआ।