
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2024
हथकरघा उद्योग बन रहा प्लास्टिक का बेहतरीन विकल्प
नई दिल्ली, 23 नवंबर – घरों में प्लास्टिक के बने उत्पाद अक्सर देखने को मिलते है लेकिन अब हथकरघा इंडस्ट्री इस स्वरूप को बदलने का काम कर रही है। प्लास्टिक की जगह हथकरघा से बने बैग, बास्केट, स्लिंग पर्स, जवैलरी बाक्स, चपाती बाक्स, वॉल हैंगिंग, हैंड बैग बड़े ही आकर्षक रूप में हरियाणा पवेलियन की प्रिन्ट शॉपी की स्टॉल पर देखने को मिल रहे है।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे 43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में हरियाणा पवेलियन में प्रिन्ट शॉपी स्टॉल के संचालक पानीपत निवासी दीपक कुमार ने बताया कि उन्हें पांच साल पहले हैंडीक्राफ्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद उसने अपने रिस्तेदार के साथ पानीपत में एक छोटी यूनिट लगाई। आरंभ से ही तय किया हाथ से बनाएं प्रौडेक्ट तैयार करेंगें।
अब दूसरों को दे रहे रोजगार
दीपक ने बताया कि उनकी सोच स्वरोजगार की रही है। यूनिट चाहे छोटी लगाई लेकिन लक्ष्य बड़ा रखा था लेकिन अब उसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे है। उनकी यूनिट से 25 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। उनके यहां 70 प्रतिशत काम हाथ से किया जाता है और 30 प्रतिशत काम मशीनों से है। जो हाथ से बुनाई कढ़ाई का कार्य है वह सभी महिलाएं ही करती है, जिससे आसपास की महिलाओं को रोजगार मिला है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में पहली बार लगाई स्टॉल, सूरजकुण्ड मेले से मिला हौसला
दीपक ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उन्होंने पहली बार स्टॉल लगाई है। सूरजकुण्ड मेले में वे पहले से ही स्टॉल लगाते आए है। जहां से उन्हें एक अच्छा बिजनेस व पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि बड़े मेलों से इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलता है।
प्रकृति से जुड़ रहे है लोग, इसलिए प्लास्टिक के प्रति कम हुआ रूझान
दीपक ने बताया कि प्लास्टिक प्रकृति के अनुकूल नहीं है बल्कि संतुलन बिगाड़ रहा है। धीरे-धीरे प्लास्टिक प्रयोग न करने को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और विकल्प के तौर पर अब कपड़े से बनी वस्तुओं का प्रयोग करने लगे है इससे हथकरघा व्यवसाय मजबूत हो रहा है। उन्होंने बताया कि सस्ते प्लास्टिक से अच्छा कपड़े से बना उत्पाद है जो पर्यावरण अनुकूल है और उसे नष्ट करने में भी नुकसान नहीं होता है। हथकरघा से बनी वस्तुएं अब घरों में सजावट के तौर पर भी प्रयोग होने लगी है।