
दस दिसंबर तक जिला में जारी रहेगी मुहिम
गुरूग्राम, 28 नवंबर:
एडीसी हितेश कुमार ने कहा है कि बाल विवाह सामाजिक दृष्टि से सही नहीं माना जाता और इसे कानूनी अपराध की श्रेणी में गिना गया है। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम जिले में बाल विवाह से संबंधित कोई शिकायत मिलती है तो पुलिस विभाग द्वारा तुरंत कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।
एडीसी हितेश कुमार महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में शुरू किए गए बाल विवाह मुक्त अभियान के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। बागवानी प्रशिक्षण केंद्र में शक्तिवाहिनी संस्था तथा बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास, बाल संरक्षण विभाग, पुलिस विभाग, एनजीओ शक्तिवाहिनी के अधिकारी उपस्थित रहे।
एडीसी ने कहा कि इस अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग की टीमें बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए जिला के नागरिकों को जागरूक करेंगी। यह अभियान दस दिसंबर तक चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के नियम अनुसार शादी के लिए एक लड़की की आयु कम से कम 18 साल और लड़के की आयु 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम आयु के लड़के या लड़की का विवाह करवाया जाता है तो इसे बाल विवाह माना जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम जिला को बाल विवाह से मुक्त किए जाने के अभियान को सफल बनाने के लिए पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर निगम व पंचायत आदि विभागों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इस अवसर पर एडीसी ने उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को बाल विवाह रोकने की शपथ दिलवाई।
महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी डा. सिमरन ने इस अवसर पर कहा कि जिला के अभिभावकों को बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रति जागरूक किया जाएगा। शक्तिवाहिनी के डायरेक्टर निशिकांत ने बताया कि इस अभियान में शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विकास एवं पंचायत विभाग, नेहरू युवा केंद्र, रेडक्रास तथा समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।
डा. सिमरन ने बताया कि टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर कोई भी महिला कानूनी सहायता, परामर्श, आश्रय सुविधा, आपातकालीन सहायता, पुलिस सहायता व स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकती है। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम की जिला समन्वयक सुप्रिया श्रीवास्तव, शक्तिवाहिनी संस्था की जिला समन्वयक रूक्मणि शर्मा, मुकेश देवी, एसएचओ नेहा राठी, सीडीपीओ कांता देवी, सुमित्रा देवी, मुनीष कुमारी इत्यादि मौजूद रहे।
मुख्य बिंदु:
- बच्चों की शादी पर रोक: अभियान बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य है।
- कानूनी पहल: एडीसी ने कहा कि बाल विवाह को कानूनी अपराध माना जाता है, और संबंधित विभागों को सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी।
- समाज का समर्थन: अभियान में विभिन्न विभागों, एनजीओ और समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग शामिल है।
- जागरूकता और हेल्पलाइन: महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल करने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे वे कानूनी और आपातकालीन सहायता प्राप्त कर सकती हैं।