
अब प्रदेश की राजनीति में तूल पकड़ता जा रहा है।
संभल (उत्तर प्रदेश), 30 नवंबर – उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा का मामला अब प्रदेश की राजनीति में तूल पकड़ता जा रहा है। इस हिंसा पर विपक्षी दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार भी मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई तेज कर दी है।
पुलिस ने की छापामारी, 400 हिरासत में
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसा में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए विभिन्न इलाकों में छापेमारी की है और अब तक करीब 400 लोगों को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। साथ ही, यदि कोई राजनीतिक दखल देता है, तो उसकी जानकारी तुरंत मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जाए।
अखिलेश यादव संभल पहुंचेंगे, सुरक्षा बढ़ाई गई
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 30 नवंबर को संभल पहुंचने वाले हैं, जिसे लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। शहर के विभिन्न स्थानों पर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं और अखिलेश यादव जिस स्थान पर जा रहे हैं, वहां की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई माहौल खराब करने की कोशिश करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए और इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश के डीजीपी को दी जाए।
सपा का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा
सपा ने हिंसा के मामले में जांच की मांग करते हुए एक 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संभल भेजने का फैसला किया है। यह प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर को संभल पहुंचकर हिंसा के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगा। प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित 15 सदस्य शामिल होंगे। ये लोग स्थानीय लोगों से हिंसा के बारे में पूछताछ करेंगे और इसके बाद अपनी रिपोर्ट सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सौंपेंगे।
माता प्रसाद पांडेय ने सरकार को घेरा
सपा नेता और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस हिंसा पर एक प्रेस वार्ता में राज्य सरकार को घेरा था। उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर भी उन्हें तीन दिन बाद जाने के लिए कहा गया। पांडेय ने यह भी कहा कि प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है और सरकार अपने कर्तव्यों से बच रही है। उन्होंने इस घटना में शामिल कुछ व्यक्तियों के खिलाफ गलत बयानबाजी करने का आरोप भी लगाया और कहा कि भाजपा सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है।
हिंसा का विवरण और वीडियो
संभल हिंसा की शुरुआत रविवार सुबह जामा मस्जिद के पास हुई, जहां मस्जिद में सर्वे का काम चल रहा था। जब लोगों की भीड़ बढ़ी, तो पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इस बवाल के दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया और पुलिस पर फायरिंग भी की, जिससे पांच लोग मारे गए। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने तीन कारों और छह बाइकों को आग लगा दी। इस दौरान एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें उपद्रवी एक बाइक को आग लगाकर उसे दूसरी बाइक के पास डालते हुए दिखाई दे रहे हैं। पुलिस अब इस वीडियो के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम
पुलिस ने इस हिंसा के बाद छानबीन शुरू कर दी है और उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही जारी है। पुलिस ने सपा नेता माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि उन्हें किसी प्रकार का नोटिस जारी नहीं किया गया है और न ही उन्हें नजरबंद किया गया है।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है।
संभल में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है, और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है। इस बीच, पुलिस प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहा है। सपा का प्रतिनिधिमंडल हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग के साथ संभल जाएगा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिंसा में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।