- 10647 मीट्रिक टन गेहूं व 7315 मीट्रिक टन सरसों का किया जा चुका है उठान
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- सोमवार को 1205 मीट्रिक टन गेंहू व 1346 मीट्रिक टन सरसों खरीदी गई
गुरुग्राम, 25 अप्रैल।
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा गेंहू व सरसों की खरीद जारी है. जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों में अब तक 27 हजार 812 मीट्रिक टन गेंहू व 13 हजार 598 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है. सरकार द्वारा गेंहू के लिए 2125 रूपए प्रति क्विंटल तथा सरसों के लिए 5450 रूपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है.
डीसी ने बताया कि जिला में अब तक 27 हजार 812 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई है, जिसमें से 6461 मीट्रिक टन फर्रुखनगर, 1787 मीट्रिक टन सोहना, 18064 मीट्रिक टन हेलीमंडी व खोड़ मंडी में 1500 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हुई है. गत सोमवार को जिला की चारों मंडियों में कुल 1205 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई. इसी प्रकार जिला में अब तक 13 हजार 598 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है. जिसमें से 2719 मीट्रिक टन फर्रुखनगर, 1109 मीट्रिक टन सोहना व हेलीमंडी में 9770 मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई है. गत सोमवार को जिला की तीनों मंडियों में कुल 510 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई.
डीसी ने बताया कि जिला की चारों अनाज मंडियों से हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कार्पाेरेशन द्वारा 24 अप्रैल तक 10 हजार 647 मीट्रिक टन गेहूं व 7315 मीट्रिक टन सरसों का उठान किया जा चुका है. उन्होंने किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी फसलों को साफ एवं सुखाकर मंडियों में लाए. किसान फसल अवशेषों को न जलाए। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाकर चारे की कमी को दूर किया जा सकता है. फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा जानमाल की हानि होनेे का अंदेशा बना रहता है. फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा किसान के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. जिला में फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.