
समाधान हेतु समन्वय बैठक की अध्यक्षता
गुरुग्राम, 17 दिसंबर: हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने गुरुग्राम शहर की प्रमुख समस्याओं के समाधान पर चर्चा करने के लिए आज एक समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया और शहर के विकास से जुड़ी प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुरुग्राम में निर्माण और विखंडन जनित मलबे के प्रसंस्करण के लिए प्रोसेसिंग प्लांट के कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों और ठेकेदारों को नियुक्त करने की बात की, ताकि मलबे का निस्तारण समय पर हो सके।
स्वच्छ हरियाणा अभियान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, डॉ. जोशी ने अधिकारियों को नए ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि लगभग 14 लाख मीट्रिक टन वर्षों से जमा अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए निविदाएं अनुमोदन के चरण में हैं।
गुरुग्राम में बेहतर संसाधन उपयोग के लिए, डॉ. जोशी ने एक स्वतंत्र ठोस निर्माण और विखंडन मलबा प्रबंधन प्रकोष्ठ बनाने की योजना बनाई है। इस प्रकोष्ठ में एक संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता और सेनेटरी इंस्पेक्टर शामिल होंगे। इसका उद्देश्य मलबा प्रबंधन की प्रक्रिया को बेहतर और सुसंगत बनाना है।
मुख्य सचिव ने जोर दिया कि नरसिंहपुर गांव के पास एनएच-48 पर जलभराव की समस्या को बरसात से पहले हल किया जाए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जागरूक नागरिकों को जोड़ने और उनके सुझावों को धरातल पर लागू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के लोकहितैषी नागरिकों को शिकायत निवारण प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, ताकि वे सक्रिय रूप से शहर के विकास में योगदान दे सकें।
इसके अलावा, डॉ. जोशी ने गुरुग्राम के सेक्टर-65 में इलेक्ट्रिक बस डिपो के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को एक महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया। यह डिपो प्रदूषण कम करने और परिवहन के क्षेत्र में सुधार लाने में मदद करेगा।
बैठक में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA), नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP), परिवहन विभाग, और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में सड़कों की मरम्मत, भूमि हस्तांतरण, पानी की कमी, सीवर लाइन की समस्याओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने इस बात पर बल दिया कि समस्याओं के समाधान में जागरूक नागरिकों को भागीदार बनाना बेहद आवश्यक है, ताकि वे स्थानीय स्तर पर प्रशासन के साथ मिलकर समस्याओं को हल करने में योगदान दे सकें और शहर के विकास में सक्रिय रूप से शामिल हो सकें।