
जीतन राम मांझी के 9 प्रस्तावों ने बिहार में मचाया सियासी बवाल
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने दिल्ली में हुई कार्यकारिणी बैठक के दौरान 9 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए। इन प्रस्तावों ने एनडीए में हलचल पैदा कर दी है।
क्या हैं जीतन राम मांझी के 9 प्रस्ताव?
बैठक में मांझी ने 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं। इन प्रस्तावों में शामिल हैं:
1. बाबा साहेब की विशाल प्रतिमा दीक्षा भूमि, नागपुर में स्थापित की जाए।
2. दिल्ली की सड़कों के नाम बदले जाएं और उन्हें शहीदों और महापुरुषों के नाम पर रखा जाए।
3. मध्यम वर्ग के लिए सस्ती स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लागू की जाए।
4. बिहार में सभी प्रकार की पेंशन 2000 रुपये प्रति माह की जाए।
5. 200 यूनिट फ्री बिजली और पांच एकड़ तक के किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए बिजली दी जाए।
6. बेरोजगारी भत्ता 5000 रुपये प्रति माह किया जाए।
7. माता सबरी सम्मान योजना लाकर सभी वर्गों की बेटियों को लाभ दिया जाए।
8. बाबा साहेब की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के तर्ज पर बनाई जाए।
9. शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों का नामकरण किया जाए।
राजनीतिक तनाव बढ़ने के संकेत
बैठक में पार्टी संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, पार्टी अध्यक्ष संतोष मांझी (संतोष सुमन) और प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने हिस्सा लिया।
- सभी नेताओं ने पार्टी को 2025 विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत करने का संकल्प लिया।
- मांझी के इन प्रस्तावों को एनडीए में विवाद का कारण माना जा रहा है।
नीतीश कुमार के लिए नई चुनौती
नीतीश कुमार की सरकार के लिए ये प्रस्ताव सियासी दबाव बढ़ा सकते हैं।
- विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पहले ही 200 यूनिट फ्री बिजली देने का ऐलान कर चुके हैं।
- अब मांझी के इस कदम से एनडीए सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह अपनी नीतियों में बदलाव करे।
अंबेडकर पर दिया जोर
जीतन राम मांझी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विरासत को बढ़ावा देने के लिए:
- विशाल प्रतिमा बनाने की मांग की।
- शहीदों और महापुरुषों के सम्मान में दिल्ली की सड़कों के नाम बदलने का प्रस्ताव रखा।
- उन्होंने सामाजिक न्याय और दलित उत्थान के मुद्दों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया।
फ्री बिजली और किसानों के लिए राहत
- बिहार के घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग की गई।
- पांच एकड़ तक के किसानों के लिए मुफ्त सिंचाई सुविधा का प्रस्ताव दिया गया।
- इससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद जताई गई है।
बेरोजगारी और पेंशन पर बड़ा ऐलान
- बेरोजगारी भत्ता 5000 रुपये प्रति माह करने की मांग।
- पेंशन की न्यूनतम राशि 2000 रुपये तय करने का प्रस्ताव।
क्या होगा एनडीए का रुख?
मांझी के इन प्रस्तावों के बाद एनडीए में तनाव बढ़ सकता है।
- पहले ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा की है।
- अब मांझी के इन कदमों के बाद जेडीयू और बीजेपी की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं।