
नई दिल्ली, 7 जनवरी: सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के चर्चित रेप मामले में आरोपी और स्वयंभू संत आसाराम को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह जमानत 31 मार्च, 2025 तक वैध होगी। अदालत ने इस दौरान कड़ी शर्तें लगाई हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जमानत का दुरुपयोग न हो।
मामले की पृष्ठभूमि:
आसाराम पर 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और वह पिछले कई वर्षों से जेल में बंद हैं। आसाराम पर राजस्थान और गुजरात में भी कई अन्य आपराधिक मामले लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह जमानत आसाराम की स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर दी है। उनके वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उनकी उम्र अधिक हो चुकी है और वे कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। अदालत ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया।
जमानत की शर्तें:
- जमानत केवल 31 मार्च, 2025 तक के लिए दी गई है।
- आसाराम को इस दौरान अदालत द्वारा तय शर्तों का पालन करना होगा।
- वह इस अवधि में अदालत की अनुमति के बिना किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
- उन्हें नियमित अंतराल पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी अदालत को देनी होगी।
- किसी भी प्रकार के कानून के उल्लंघन पर जमानत तत्काल रद्द कर दी जाएगी।
स्वास्थ्य के नाम पर मिली राहत:
आसाराम के वकील ने दलील दी कि वह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि हृदय रोग, श्वसन समस्या, और उच्च रक्तचाप, से पीड़ित हैं। जेल प्रशासन द्वारा प्रस्तुत की गई मेडिकल रिपोर्ट में भी उनके स्वास्थ्य की खराब स्थिति की पुष्टि की गई थी।
भविष्य की सुनवाई:
यह जमानत अंतरिम आधार पर दी गई है और मामले की अगली सुनवाई के दौरान अदालत उनके स्वास्थ्य की समीक्षा करेगी। यदि अदालत को लगता है कि जमानत का कोई उल्लंघन हुआ है, तो इसे रद्द करने पर विचार किया जाएगा।
आसाराम के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों पर भी अदालत का ध्यान है, और उन पर अंतिम फैसला आने में अभी समय लग सकता है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया:
आसाराम को जमानत मिलने पर समाज के विभिन्न वर्गों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। जहां उनके समर्थक इस फैसले से खुश हैं, वहीं कई संगठनों ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में ढिलाई करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए यह अंतरिम राहत सीमित समय तक ही दी गई है।
आसाराम के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों और इस जमानत पर अदालत का अगला कदम जनता की निगरानी में रहेगा।