पूर्वजों की पूजा भी करेंगे विदेशी संत-भक्त/
नई दिल्ली, 10 जनवरी।
दिल्ली में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार एक अनूठे वैश्विक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मिलन का गवाह बनेगा। पहली बार, पांच देशों की संस्कृतियां और परंपराएं एक साथ एक छत के नीचे समाहित होंगी। यह आयोजन सेक्टर 18 संगम लोवर मार्ग पर होने जा रहा है, जहां जापान, रूस, यूक्रेन, भारत और नेपाल के संत और भक्त अपने धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन करेंगे।
जापान के बौद्ध अनुयायी सनातन परंपराओं में शामिल
जापान से 200 से अधिक बौद्ध धर्म के अनुयायी इस महाकुंभ में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। यह अनुयायी भारतीय सनातन परंपराओं और योग के साथ जुड़ाव दिखाएंगे। जापानी संत और योग गुरु केको आईकावा, जिन्हें आध्यात्मिक जगत में योग माता कैलानंद गिरि के नाम से भी जाना जाता है, इनका नेतृत्व करेंगी। स्वामी कैलानंद गिरि 11 जनवरी को महाकुंभ में शामिल होंगी।
रूस और यूक्रेन के संतों का अद्भुत संगम
रूस और यूक्रेन, जो वर्तमान में भीषण युद्ध का सामना कर रहे हैं, उनके संत-भक्त इस आयोजन में एक साथ भाग लेकर विश्व शांति और एकता का संदेश देंगे।
- यूक्रेन के पूर्वी रूढ़िवादी चर्च से संबंधित संत स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि अपने सैकड़ों अनुयायियों के साथ यहां पहुंचेंगे।
- श्रद्धा सेवा शिविर में रूस और यूक्रेन से आने वाले संतों और भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
भारत और नेपाल का महत्वपूर्ण योगदान
महाकुंभ में भारत और नेपाल के संत और गृहस्थ भी हिस्सा लेंगे।
- ये संत यहां कल्पवास करेंगे, जो ध्यान, साधना और परंपरागत धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष समय माना जाता है।
- भारतीय और नेपाली साधु-संत अपनी संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को साझा करेंगे।
आयोजन का महत्व और उद्देश्य
यह महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि यह वैश्विक एकता, शांति और भाईचारे का प्रतीक भी बनेगा।
- आयोजन स्थल पर विशेष पूजा-अर्चना, ध्यान सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
- पांच देशों की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को एक साथ देखने का यह अद्भुत अवसर होगा।
इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न देशों और संस्कृतियों को जोड़ना और वसुधैव कुटुंबकम् (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) की भावना को साकार करना है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- स्थान: सेक्टर 18 संगम लोवर मार्ग, नई दिल्ली।
- सांस्कृतिक भागीदार: जापान, रूस, यूक्रेन, भारत और नेपाल।
- विशेष गतिविधियां: योग, ध्यान, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक प्रदर्शन।
- नेतृत्व: जापान से योग माता कैलानंद गिरि और यूक्रेन से स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि।
यह महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक समागम का प्रतीक है, बल्कि यह विश्व को शांति और सौहार्द का संदेश भी देगा। विभिन्न देशों के संत और भक्त अपनी परंपराओं और संस्कृतियों को साझा करके मानवता की एकता का अद्भुत उदाहरण पेश करेंगे।