फिर शर्मसार हुआ पाकिस्तान: भिखारियों से परेशान सऊदी अरब ने भी उठाया सख्त कदम
इस्लामाबाद (11 जनवरी): पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को एक और झटका लगा है। हाल ही में सात देशों ने 258 पाकिस्तानी नागरिकों को अपने-अपने देशों से निष्कासित कर दिया। इनमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), और चीन जैसे बड़े देश शामिल हैं। कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे इन निष्कासित लोगों में से केवल 14 के पास वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट था, जबकि बाकी 244 को इमरजेंसी यात्रा दस्तावेजों पर वापस भेजा गया।
सऊदी अरब में भिखारियों पर सख्त रुख
सऊदी अरब से निष्कासित 9 पाकिस्तानी नागरिक पेशेवर भिखारी थे। इनमें से दो लोगों को बिना परमिट के हज करने के आरोप में सजा काटने के बाद वापस भेजा गया। सऊदी अरब ने हाल के दिनों में अपने यहां बढ़ रहे भिखारियों के खिलाफ सख्त नीति अपनाई है।
अवैध काम और ड्रग्स के मामले
निष्कासितों में से कई लोग अवैध रूप से बिना प्रायोजक (स्पॉन्सर) के काम कर रहे थे। वहीं, चार लोगों को ड्रग्स से जुड़े मामलों में शामिल होने के कारण देश से निकाला गया।
अन्य देशों ने भी उठाया कदम
सऊदी अरब और यूएई के अलावा, चीन, कतर, इंडोनेशिया, साइप्रस, और नाइजीरिया से भी एक-एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस भेजा गया। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को और कमजोर किया है।
एफआईए की कार्रवाई
पिछले 24 घंटों में, पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की इमिग्रेशन सेल ने कराची एयरपोर्ट पर 35 यात्रियों को विदेश यात्रा से रोका। इनमें से अधिकांश यात्री सऊदी अरब में उमरा वीजा पर यात्रा करने वाले थे। इनके पास होटल बुकिंग और पर्याप्त धनराशि जैसी जरूरी तैयारियां नहीं थीं। वहीं, कुछ लोगों के पास वर्क वीजा से जुड़े सही दस्तावेज नहीं पाए गए।
पाकिस्तानियों के निर्वासन में बढ़ोतरी
हाल के महीनों में पाकिस्तानी नागरिकों के निर्वासन की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। मुस्लिम देशों समेत अन्य देश अब पाकिस्तानी भिखारियों और अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों से नाराज हैं।
अधिकारियों की चेतावनी
पाकिस्तानी अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे विदेश यात्रा के लिए पूरी तैयारी और सही दस्तावेजों के साथ ही यात्रा करें। ऐसा न करने पर उन्हें बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान
पाकिस्तानी नागरिकों का लगातार इस तरह निष्कासन होना देश की बिगड़ती छवि को दर्शाता है। यह घटना बताती है कि सरकार को अपने नागरिकों के लिए न केवल विदेश यात्रा संबंधी जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि देश के भीतर रोजगार और अवसरों को सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे।