
गुरुग्राम, 08 मार्च 2025: गुरुग्राम जिले में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल, बैंक रिकवरी, आपराधिक एवं वैवाहिक सहित अदालतों में लंबित विभिन्न मामलों को निपटाया गया।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (DLSA) के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) रमेश चंद्र ने बताया कि यह लोक अदालत हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (HALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के निर्देशानुसार तथा गुरुग्राम जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं DLSA के चेयरमैन सुभाष महला के मार्गदर्शन में आयोजित की गई थी।
लोक अदालत के लिए गठित की गईं 22 बेंच
इस लोक अदालत में मामलों के त्वरित निपटारे के लिए 22 बेंच गठित की गईं:
- गुरुग्राम जिला न्यायालय में 20 बेंच
- पटौदी एवं सोहना स्थित उपमंडल स्तरीय न्यायालय में 1-1 बेंच
एक दिन में 71,019 मामले सूचीबद्ध, 63,785 का निपटारा
लोक अदालत में कुल 71,019 मामलों को लिया गया, जिनमें से 63,785 मामलों का निपटारा सफलतापूर्वक किया गया। इस प्रक्रिया में ₹7.79 करोड़ (7,79,97,243 रुपये) का सेटलमेंट किया गया।
न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं की भूमिका
- लोक अदालत की सभी बेंच में एक-एक पैनल अधिवक्ता नियुक्त किए गए थे।
- ये अधिवक्ता अदालतों और DLSA की मदद कर समझौतों को तैयार करने में सहयोग कर रहे थे।
- लोक अदालत में आपसी सहमति से मामलों का समाधान निकाला गया, जिससे लंबित मामलों का बोझ कम करने में सहायता मिली।
राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य
लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य तेजी से न्याय दिलाना और अदालतों में लंबित मामलों को आपसी सहमति से सुलझाना है। इसमें मामलों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क और कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलता के निपटाया जाता है।
गुरुग्राम में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायिक प्रणाली में सुधार और न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इससे न केवल हजारों मामलों का शीघ्र निपटारा हुआ बल्कि लोगों को त्वरित और सुलभ न्याय भी मिला।