
भाजपा सरकार पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप: करण सिंह दलाल
गुरुग्राम, 9 मार्च – हरियाणा में संपन्न हुए निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस के गुड़गांव जिला प्रभारी एवं पलवल के पूर्व विधायक करण सिंह दलाल ने कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा निर्वाचन आयोग ने भाजपा के दबाव में चुनावी नियमों की अवहेलना की, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का उपयोग न करने, ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को मतदान से वंचित करने और वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए।
वीवीपैट का उपयोग न करना पारदर्शिता पर सवाल – दलाल
करण सिंह दलाल ने कहा,
“बड़े चुनावों में हर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन इस निकाय चुनाव में ऐसा नहीं किया गया। चुनाव आयोग ने वीवीपैट की कमी का बहाना बनाया, जो पूरी तरह हास्यास्पद है। जब कुछ ही जिलों में चुनाव हो रहे थे, तो वीवीपैट की कमी कैसे हो सकती है?”
उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ईवीएम में गड़बड़ी की संभावनाओं को लेकर डरी हुई थी, इसलिए वीवीपैट मशीनें नहीं लगाई गईं।
ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को मतदान से वंचित करना साजिश
दलाल ने यह भी आरोप लगाया कि मतदान ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को वोट डालने का मौका ही नहीं दिया गया, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा,
“लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बुजुर्गों को घर जाकर मतदान करने की सुविधा दी जाती है, लेकिन इस बार कर्मचारियों को उनके मताधिकार से वंचित किया गया। इससे साफ है कि भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में माहौल तैयार किया।”
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, लोगों के वार्ड बदले
पूर्व विधायक ने कहा कि वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ियां की गईं। कई लोगों के नाम काट दिए गए, तो कई के वार्ड बदल दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि आम और गरीब लोगों को मतदान केंद्रों पर परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न होता है।
राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग
करण सिंह दलाल ने बताया कि कांग्रेस ने इन मुद्दों को लेकर पहले ही हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि,
“लोकतंत्र की रक्षा के लिए चुनाव आयोग की जवाबदेही तय की जाए, ताकि आमजन का लोकतंत्र पर विश्वास बना रहे।”
करण सिंह दलाल के आरोपों ने हरियाणा निकाय चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग पर दबाव डालकर मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की। अब देखना होगा कि राज्यपाल और चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।