भिवानी: फसल खरीद के लिए जिला प्रशासन ने किए समुचित प्रबंध,
बिना किसी परेशानी के अपनी फसलें बेच सकें।
भिवानी, 11 मार्च : भिवानी जिला प्रशासन ने आगामी खरीफ और रबी सीजन में फसल खरीद को लेकर समुचित प्रबंध किए हैं। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। जिले में 15 मार्च से सरसों की खरीद प्रक्रिया शुरू होगी, जबकि 1 अप्रैल से गेहूं की खरीदारी प्रारंभ होगी।
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा
मार्केट कमेटी अधिकारियों ने बताया कि इस बार केवल “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की ही फसलें खरीदी जाएंगी। इसके लिए किसानों को अपने क्षेत्र के निर्धारित सरकारी केंद्रों पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद ही किसानों को टोकन जारी किया जाएगा, जिससे उन्हें निर्धारित तारीख और समय पर अपनी फसल बेचने का मौका मिलेगा।
सरकार ने इस साल सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5950 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं का 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। मार्केट कमेटी अधिकारी ने कहा कि खरीदारी पूरी तरह से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी, ताकि किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सके।
उपायुक्त महावीर कौशिक ने कहा कि प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार खरीदी की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रत्येक खरीद केंद्र पर निगरानी रखी जाएगी।
मार्केट कमेटी ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल बेचने से पहले पोर्टल पर पंजीकरण करवा लें और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें, ताकि कोई भी किसान असुविधा का शिकार न हो।
खरीदी केंद्रों पर सुविधा:
जिला प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि खरीद केंद्रों पर किसानों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलें। इसके अलावा, किसानों को उनके खरीदी किए गए उत्पाद का भुगतान त्वरित रूप से किया जाएगा, जिससे किसानों को कोई वित्तीय कठिनाई न हो।
किसानों के लिए विशेष जानकारी:
सरकार ने सभी किसानों को ध्यान दिलाया है कि वे अपनी फसल को समय पर बेचने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन करें। अगर किसी किसान को पंजीकरण या टोकन प्राप्त करने में कोई कठिनाई आती है, तो वे संबंधित अधिकारियों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, भिवानी जिला प्रशासन ने फसल खरीद की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरी तैयारियां की हैं, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिले और वे बिना किसी परेशानी के अपनी फसलें बेच सकें।