- मुख्यमंत्री से अधिक गृहमंत्री पर प्रदेश की जनता का विश्वास बढ़ा
अंबाला, चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश में जनता की नब्ज टटोलने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जनसंवाद कार्यक्रम के तहत पीड़ितों के बहाने हरियाणा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जा रहे हैं लेकिन उनके जनसंवाद कार्यक्रम में राजनीतिक अधिक और पीड़ितों की शिकायतों का समाधान कम हो रहा है. मुख्यमंत्री जिस मकसद से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लोगों से संपर्क कर प्रदेश की राजनीति की स्थिति को भाप रहे हैं .वही हरियाणा प्रदेश में अधिकतर पीड़ित हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के निवास पर अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. अंबाला पीड़ितों की लंबी लाइन लगी हुई है और देर रात तक गृह मंत्री अनिल विज अपने निवास पर पीड़ितों की समस्या का समाधान कराने में लगे हुए हैं.
जनसंवाद कार्यक्रम के बाद गृहमंत्री ने जनता दरबार लगाना किया बंद लेकिन लोगों का विश्वास बढ़ा अधिकतर शिकायतकर्ता गृहमंत्री के दरबार में
हरियाणा प्रदेश में यह तय किया गया की जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों के बीच में जाएंगे और उनके गांव. शहर में लोगों की समस्या का समाधान करेंगे उनकी समस्या सुनेंगे लेकिन मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में पीड़ित लोगों की संख्या कम और राजनीतिक लोगों की संख्या अधिक हो रही है जिसके चलते पीड़ितों को अब मुख्यमंत्री पर विश्वास कम और गृहमंत्री पर विश्वास अधिक बना हुआ है जिसके चलते प्रदेशभर से विभिन्न समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या गृहमंत्री के जनता दरबार में पहुंच रही है।
रात्रि 2:00 बजे तक भी लोगों की समस्या सुनते हैं गृहमंत्री
हरियाणा के गृहमंत्री रात्रि 2:00 बजे तक लोगों की समस्या सुनते हैं जिसके चलते हरियाणा के आईपीएस आईएएस अधिकारियों को भी रात भर जागना पड़ता है क्योंकि पूरे प्रदेश से हजारों में पीड़ित गृहमंत्री के जनता दरबार में पहुंचते रहे हैं और जैसे गृहमंत्री ने जनता दरबार बंद किया इसके बावजूद भी उनके निवास पर भारी संख्या में शिकायत कर्ताओं की भीड़ लगी हुई है सबसे अधिक पुलिस प्रशासन से पीड़ित लोग बताए जा रहे हैं.
प्रशासन लोगों की समस्या का समाधान करने में निष्क्रिय
- मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को लगाने पड़ रहे जनता दरबार
हरियाणा प्रदेश का जिला प्रशासन लोगों की समस्याओं का समाधान करने में रुचि नहीं ले रहा जिसके चलते पीड़ित प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट काट कर थक जाते हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाता जिसके चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को जनता की समस्या का समाधान करने के लिए जनता दरबार लगाना पड़ रहा है जिसमें भारी भीड़ रही है.