
भिवानी, 5 अप्रैल 2025:
प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों, अकेडमियों और ऑनलाइन शिक्षा के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत की गई है। इस मुहिम का उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाधा डालने वाली इन संस्थाओं को बंद कराना है। एसोसिएशन का कहना है कि केवल सरकारी या निजी स्कूलों में बच्चों का सही और समग्र विकास संभव है, जबकि अकेडमियों और ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
रामअवतार शर्मा, प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि, “हमने यह निर्णय लिया है कि अब से सुबह 8 बजे से लेकर 3 बजे के बीच कोई भी अकेडमी कोचिंग नहीं दे सकेगी।” उनका कहना है कि इस तरह की कोचिंग से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है, और यह बच्चों के शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के लिए हानिकारक हो सकता है।
एसोसिएशन ने इस मुहिम के तहत भिवानी जिले में स्थित 76 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों और 87 अवैध अकेडमियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से अपील की है कि वह 10 अप्रैल तक इन अवैध संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करे। यदि तब तक विभाग कोई कदम नहीं उठाता, तो एसोसिएशन प्रदेश स्तर पर एक बड़ा अभियान चलाने का निर्णय लेगी।
रामअवतार शर्मा ने इसके अलावा ऑनलाइन शिक्षा पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि “आजकल मोबाइल के माध्यम से जो शिक्षा दी जा रही है, वह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रही है। बच्चों में डिप्रेशन बढ़ रहा है और उनका व्यक्तित्व विकास रुक रहा है।” उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा बच्चों के समग्र विकास के लिए सही नहीं है, और इसके कारण बच्चे मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि कई प्राइवेट स्कूल नियमों से अधिक फीस, वर्दी और प्राइवेट पब्लिशर की किताबों का बोझ बच्चों के अभिभावकों पर डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त होती हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे और स्कूलों को इसका जवाब देना होगा।”
इस मुहिम का उद्देश्य केवल बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देना है। एसोसिएशन का मानना है कि सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूल ही बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त स्थान हैं, जहां बच्चों को व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ एक सशक्त भविष्य मिल सके।
एसोसिएशन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और अब वे अपने अभियान को अगले चरण में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका यह अभियान भिवानी जिले में और इसके आस-पास के क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए है।