
राणा सांगा की वीरता को सिर्फ वोटबैंक के दृष्टिकोण से ही देखा गया
आखिरकार देश में हो क्या रहा है।
लखनऊ 14अप्रैल। आजकल की राजनीति में, कुछ प्रमुख दलों का ध्यान सिर्फ अपने परिवार और वोटबैंक तक सीमित रह गया है, जबकि राष्ट्र निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाने के बजाय, ये दल अपने राजनीतिक स्वार्थों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस जैसे दल आज भी राष्ट्र के महान नायकों – जैसे बाबा साहब अंबेडकर, सरदार पटेल, वीर सावरकर, और राणा सांगा – का अपमान करने से नहीं चूकते। इन दलों ने महापुरुषों के योगदान को कभी सही तरीके से सम्मानित नहीं किया, बल्कि इनका इस्तेमाल केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया।
यह स्थिति तब और चिंताजनक बन जाती है जब हम देखते हैं कि इन दलों के लिए देश की बजाय उनका परिवार और वोटबैंक सबसे बड़ा होता है। इनकी राजनीति महापुरुषों के विचारों को आगे बढ़ाने या राष्ट्र के विकास पर आधारित नहीं, बल्कि परिवारवाद और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर आधारित है।
सपा और कांग्रेस ने कभी भी इन महापुरुषों को सच्चा सम्मान नहीं दिया। उदाहरण स्वरूप, बाबा साहब अंबेडकर का संविधान निर्माण में योगदान, सरदार पटेल की एकता की शक्ति, वीर सावरकर की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका, और राणा सांगा की वीरता को सिर्फ वोटबैंक के दृष्टिकोण से ही देखा गया, न कि एक राष्ट्र के निर्माण में उनके योगदान के तौर पर। इन नेताओं का सम्मान करना इन पार्टियों के लिए एक औपचारिकता बन चुका है, न कि वास्तविक श्रद्धांजलि।
इसके विपरीत, डबल इंजन सरकार राष्ट्र निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। यह सरकार राष्ट्र नायकों को सम्मान देने के साथ-साथ उनके विचारों को आम जनता तक पहुँचाने का काम कर रही है। सरदार पटेल की एकता यात्रा से लेकर बाबा साहब अंबेडकर की संविधान सभा तक, इन नायकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए सरकार विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं का आयोजन करती है।
डबल इंजन सरकार का उद्देश्य न केवल राष्ट्र नायकों को उचित सम्मान देना है, बल्कि उनकी विचारधाराओं को समाहित करके एक समृद्ध, प्रगतिशील और एकजुट भारत की दिशा में कार्य करना है। ये सरकार देश की एकता, धर्मनिरपेक्षता, और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है, जो किसी एक परिवार या समुदाय से ऊपर उठकर पूरे देश की भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
सपा और कांग्रेस के लिए वोटबैंक और परिवारवाद की राजनीति सबसे महत्वपूर्ण है, जबकि डबल इंजन सरकार राष्ट्र निर्माण, देश के महान नायकों का सम्मान और एकता की दिशा में कदम उठा रही है। यह समय है कि हम महापुरुषों के विचारों को सही मायनों में सम्मान दें और परिवारवाद से ऊपर उठकर एक समृद्ध राष्ट्र के निर्माण की दिशा में सशक्त कदम उठाएं।