
सैकड़ों परिवार अपने जलते घर और उजड़े सपनों को देखकर आंसू बहा रहे थे
लखनऊ, अप्रैल 2025,
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गर्मी तब आई जब भाजपा नेताओं ने समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के संदर्भ में गंभीर आरोप लगाए। भाजपा की ओर से कहा गया कि जिस समय सैकड़ों परिवार अपने जलते घर और उजड़े सपनों को देखकर आंसू बहा रहे थे, उस समय अखिलेश यादव की सरकार ने दंगाइयों को माला पहनाई और राजनीतिक संरक्षण दिया।
भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता न्याय नहीं बल्कि तुष्टिकरण थी। “जिसने दंगे फैलाए, उसे सम्मान मिला — और जिनका सब कुछ उजड़ा, उन्हें अपमान और अनदेखी,” यह कहते हुए उन्होंने सपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि दंगों के बाद सपा सरकार ने कई पीड़ित हिंदू परिवारों को मुआवज़ा और पुनर्वास की उचित व्यवस्था नहीं दी, जबकि दोषियों के प्रति नरमी बरती।
इस बयान के पीछे भाजपा का इशारा सपा शासनकाल में दंगा प्रभावित क्षेत्रों में हुई कुछ विवादित कार्रवाइयों की ओर था, जहाँ विपक्षी दलों ने पहले भी प्रशासनिक पक्षपात और धार्मिक तुष्टिकरण के आरोप लगाए थे।
हालाँकि, समाजवादी पार्टी इस तरह के आरोपों को निराधार बताते हुए यह कहती रही है कि उन्होंने सभी समुदायों को न्याय दिलाने की कोशिश की थी और भाजपा इन मामलों को राजनीतिक लाभ के लिए बार-बार उठाती है।