
यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुत: स्तुन्वन्ति दिव्यै: स्तवै-
र्वेदै: साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगा:।
ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति यं योगिनो-
यस्तानं न विदु: सुरासुरगणा देवाय तस्मै नम:।।
अर्थात-: ब्रह्मा, वरुण, इन्द्र, रुद्र और मरुद्गण दिव्य स्तोत्रों द्वारा जिनकी स्तुति करते हैं, सामवेद के गाने वाले अंग, पद, क्रम और उपनिषदों के सहित वेदों द्वारा जिनका गान करते हैं, योगीजन ध्यान में स्थित तद्गत हुए मन से जिनका दर्शन करते हैं, देवता और असुर गण (कोई भी) जिनके अन्त को नहीं जानते, उन (परमपुरुष नारायण) देव के लिए मेरा नमस्कार है।
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थितिII
🕉 श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण 🙏🙏
🙏🙏 सब सुखी व स्वस्थ रहें 🌱🌹
विक्रम संवत 2082
संवत्सर नाम -: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा-: सूर्य
संवत्सर मंत्री-: सूर्य
🌕सूर्य उत्तरायण, ऋतु-: वसंत
सूर्य उदय : प्रातः 5/57
सूर्य अस्त : सायं 6/44
📺 वैशाख मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 17/4/2025
दिन-: गुरुवार
🌕 चंद्रमा-: वृश्चिक राशि में
🥳राशि स्वामी-: मंगल
🌱 आज का नक्षत्र -: ज्येष्ठा
💓 नक्षत्र स्वामी – : बुद्द
✨️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
प्रात: 5/55 से ज्येष्ठा नक्षत्र चरण 1 में
दोपहर 12/31 से ज्येष्ठा नक्षत्र चरण 2 में
सायं 7/08 से ज्येष्ठा नक्षत्र चरण 3 में
🔥 योग -: वरीयान-: वरीयान योग में शादी और सगाई जैसे कार्य किए जा सकते हैं.
इस योग में दान-पुण्य करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है.
वरीयान योग के दौरान मंगलदायक कार्यों में सफलता मिलती है.
आज के मुख्य पर्व
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🪴-: सती अनुसूइया जयंती -:अनसूया प्रजापति कर्दम और देवहूति की 9 कन्याओं में से एक तथा अत्रि मुनि की पत्नी थीं। उनकी पति-भक्ति अर्थात् सतीत्व का तेज इतना अधिक था के उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उसके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें ‘सती अनसूया’ भी कहा जाता है।अनसूया ने श्रीराम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है।
गन्डमूल-: बच्चे के जन्म के 27 दिन बाद विद्वान पंडित से मूल शांति करवानी चाहिए.
♻️आज की शुभ दिशा -: उत्तर,पूर्व, उत्तर-पूर्व
♻️ दिशा शूल -: दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर दही खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
🌷सूर्य -: मेष राशि अश्विनी नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी केतु) दोपहर 1/06 से चरण 2 में
🛑मंगल -: कर्क राशि पुष्य नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
🌱 बुद्ध -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी शनि) सायं 5/03 से चरण 2 में
🌕गुरु -: वृष राशि मृगशिरा नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी मंगल)
💃 शुक्र -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
🌊 शनि -: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी गुरू)
🎥 राहु-: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
🛐केतु-: कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी सूर्य)
🤬राहु काल -: दोपहर 2/00 से 3/30 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
प्रात: 5/47 तक मीन
7/23 तक मेष
9/18 तक वृष
11/33 तक मिथुन
दोपहर 1/52 तक कर्क
सायं 4/10 तक सिंह
6/26 तक कन्या
रात्रि 8/45 तक तुला
11/04 तक वृश्चिक
1/08 तक धनु