जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भिवानी के अधीक्षक अभियंता गलत तरीके से कर रहे हैं टेंडर को रद्द
अधीक्षक अभियंता से मांगा गया जवाब, जवाब देने का आखिरी दिन
भिवानी। 20 अप्रैल जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी के सर्कल के अन्तर्गत गांव सांजरवास में जलापूर्ति योजना के विस्तार के काम में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षक अभियंता द्वारा भारी अनियमितताएं करने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में मुख्य अभियंता द्वारा करवाई गई जांच में विभाग के भिवानी सर्कल के अधीक्षक अभियंता को दोषी पाया गया है और उनसे तीन दिन में जवाब तलबी की गई है। इस मामले में अधीक्षक अभियंता को सोमवार तक जवाब देना है।
2 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से गांव सांजरवास में जलापूर्ति योजना का विस्तार किया जाना है। इस कार्य के लिए सतनाली के दीपक पचार ने भी टेंडर लगाया था लेकिन अधीक्षक अभियंता ने केवल अपने हस्ताक्षर से दीपक के टेंडर की तकनीकी बोली को ही रद्द कर दिया। जबकि इस मामले में दीपक ने नारनौल पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के कार्यकारी अभियंता से क्वालिफिकेशन को पूरा करने का सर्टिफिकेट लेकर भी लगाया था। इस मामले में दीपक को वह पत्र हाथ लग गया जिसमें केवल अधीक्षक अभियंता ने हस्ताक्षर कर रखे हैं और बाकी टीईसी (टेंडर जारी करने वाली कमेटी) सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं है। नियमानुसार बाकी अधिकारियों के हस्ताक्षर पहले होने चाहिए और अधीक्षक अभियंता के हस्ताक्षर सबसे बाद में।
अधीक्षक अभियंता भिवानी सर्कल द्वारा बनाई गई रिपोर्ट सही नहीं लगती है।
इस पत्र के सामने आने के बाद 17 अप्रैल को दीपक पचार ने मुख्य अभियंता को इसकी शिकायत की और जांच की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य अभियंता ने एक कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया कि अधीक्षक अभियंता द्वारा बोलियों को अयोग्य करार दिया जाना सही नहीं है। इस मामले में 18 अप्रैल को मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यालय से दो पत्र जारी हुए। पहले पत्र में जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि अधीक्षक अभियंता भिवानी सर्कल द्वारा बनाई गई रिपोर्ट सही नहीं लगती है। उनके द्वारा निविदाओं को अयोग्य करार दिया जाना उचित नहीं है। दूसरे पत्र में अधीक्षक अभियंता से इस मामले में जवाब तलबी की गई है और उन्हें 21 अप्रैल तक जवाब देने को कहा गया है।
अधिकारियों जो पद ने उनसे जूनियर हैं पर दबाव बनाने के लिए यह तरीका अपनाते हैं।
दीपक पचार ने अपनी शिकायत में कहा था कि पिछले काफी समय से भिवानी में तैनात अधीक्षक अभियंता दलबीर सिंह मनमाने तरीके से अपने कुछ चहेते ठेकेदारों को काम देने के लिए दूसरे ठेकेदारों के टेंडर रद्द कर रहे हैं। अनेक ठेकेदारों ने इससे पहले भी विरोध किया लेकिन ठोस सबूत के अभाव में उनका विरोध काम नहीं आया। दीपक पचार को जब वह पत्र हाथ लगा जिसमें टीईसी सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं है और केवल अधीक्षक अभियंता के हस्ताक्षर है तो उसके बाद यह स्थिति साफ हो गई कि अधीक्षक अभियंता दूसरे अधिकारियों जो पद ने उनसे जूनियर हैं पर दबाव बनाने के लिए यह तरीका अपनाते हैं। इस मामले में अब अधीक्षक अभियंता दलबीर सिंह को कल तक जवाब देना है। इस मामले में उनका जवाब और उसके बाद मुख्य अभियंता द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का यहां पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में अधिकारियों और ठेकेदारों को इंतजार है। जिस प्रकार से कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने और कुछ लोगों को अनदेखा करने का काम किया जा रहा है उससे साफ है कि यह काम बिना किसी निजी स्वार्थ के नहीं किया जा सकता। उनके इस रवैया को सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के विरुद्ध माना जा रहा है।
प्रदेश की भाजपा सरकार के राजनीतिक संरक्षण प्राप्त
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस औद्योगिक सेल के अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा है कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के भिवानी सर्कल में किस प्रकार से सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का मजाक उड़ाया जा रहा है यह इस बात का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के राजनीतिक संरक्षण प्राप्त इस सर्कल अधिकारी के हौसले बुलंद है इस लिए मामले मे कार्रवाई हो पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इस अधिकारी द्वारा जितने टेंडर रद्द किए गए हैं उनकी भी जांच लंबित पड़ी है। कांग्रेस नेता अशोक बुवानीवाला ने मामले की समुचित जांच की माँग की।