
नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025।
भारत में सड़कों पर हॉर्न की तेज़ और कर्कश आवाज़ों से परेशान लोगों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को जानकारी दी कि सरकार एक ऐसा नया कानून लाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत सभी वाहनों के हॉर्न में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि का उपयोग अनिवार्य किया जा सकता है।
मंत्री गडकरी ने बताया कि वे एक ऐसे प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं, जो सड़क पर ध्वनि प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा,
“मैं एक ऐसा कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों पर आधारित हों, ताकि उन्हें सुनना सुखद हो। बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम जैसे साजों की धुनें वाहन हॉर्न में सुनाई दें, तो वातावरण भी बेहतर होगा और कानों को राहत भी मिलेगी।”
ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बड़ा कदम
भारतीय शहरों में ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। खासकर मेट्रो शहरों में ट्रैफिक के दौरान वाहन चालकों द्वारा लगातार हॉर्न बजाना आम बात है, जिससे मानसिक तनाव, नींद में खलल और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
गडकरी ने बताया कि इस दिशा में पहले भी कुछ प्रयास किए गए हैं। ट्रक और बस जैसे भारी वाहनों में लगने वाले “श्रिल” हॉर्न पर पाबंदी लगाने की बात पहले भी की गई थी, लेकिन अब सरकार एक और कदम आगे जाकर इस मुद्दे को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से हल करने की सोच रही है।
वाहन निर्माताओं को मिलेगा दिशा-निर्देश
अगर यह प्रस्ताव कानून का रूप लेता है, तो वाहन निर्माताओं को नए मॉडलों में ऐसे हॉर्न लगाने होंगे, जिनमें बांसुरी, तबला, वायलिन, या हारमोनियम जैसी भारतीय वाद्ययंत्रों की ध्वनियाँ निकलेंगी। यह प्रक्रिया तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण जरूर हो सकती है, लेकिन गडकरी का मानना है कि यह परिवर्तन देश के लिए लाभदायक होगा।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
गडकरी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ लोगों ने इसे “भारत की सांस्कृतिक पहचान को सड़कों तक लाने वाला कदम” बताया है, तो कुछ ने इसे “अव्यवहारिक” और “जरूरत से ज़्यादा रोमांटिक” सोच बताया।
अगर यह कानून लागू होता है, तो भारत पहला देश होगा जहाँ वाहनों के हॉर्न में संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज़ सुनाई देगी। इससे न केवल ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि सड़क यात्रा का अनुभव भी ज्यादा सुखद बन सकता है।