
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज के तीखे हमले
चंडीगढ़/अंबाला, 22 अप्रैल 2025।
हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर कांग्रेस और उसके नेताओं पर कड़े शब्दों में निशाना साधा है। पत्रकारों से बातचीत में ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अब निर्णय लेने में पूरी तरह अक्षम हो चुकी है। साथ ही राहुल गांधी, वक्फ कानून और निर्माण श्रमिकों के सत्यापन जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने दो टूक राय रखी।
🔴 “कांग्रेस निर्णय लेने में असमर्थ, विपक्ष का नेता तक तय नहीं कर सकी”
अनिल विज ने कहा,
“यदि कांग्रेस में निर्णय लेने की क्षमता होती तो वह अब तक हरियाणा विधानसभा में अपना नेता प्रतिपक्ष तय कर लेती। मगर सात महीने बीतने के बाद भी यह फैसला नहीं हुआ और बजट सत्र भी बिना नेता प्रतिपक्ष के ही चला। ये हाल सिर्फ हरियाणा का नहीं, पूरे देश में कांग्रेस का यही हाल है।”
🔵 वक्फ कानून पर विरोध: “जिन्हें संविधान, संसद और अदालत पर भरोसा नहीं”
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वक्फ कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए विज ने कहा:
“यह वही लोग हैं जिन्हें न संविधान में विश्वास है, न संसद में और न अदालत में। जब कोर्ट में मामला लंबित है, तो उन्हें निर्णय का इंतजार करना चाहिए। संसद में कानून बनाना एक वैधानिक प्रक्रिया है, और उसमें सभी को अपनी बात रखने का मौका मिला था। अब लोकतंत्र में बहुमत की बात माननी ही पड़ती है।”
🟠 “राहुल गांधी खुद को भारत माता का सपूत नहीं मानते”
हाल ही में अमेरिका में दिए गए राहुल गांधी के बयानों को लेकर भी विज ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा:
“हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि राहुल गांधी क्या बोलते हैं, क्योंकि उनके ज्ञान का हमें भलीभांति पता है। तकलीफ इस बात की है कि वे देश से बाहर जाकर भारत की चुनावी प्रक्रिया और संस्थाओं पर सवाल खड़े करते हैं। ये बातें वो संसद में भी कह सकते थे। लेकिन वो भारत की धरती को अपनी धरती नहीं मानते, खुद को भारत माता का सपूत नहीं मानते, इसीलिए वे विदेश जाकर बयानबाज़ी करते हैं। यह देशद्रोह की सीमा तक पहुंचता है।”
🟡 निर्माण श्रमिकों के सत्यापन में गड़बड़ी, जांच कमेटी गठित
श्रम मंत्री के रूप में विज ने निर्माण श्रमिकों के सत्यापन को लेकर गड़बड़ी के मामले को भी गंभीर बताया।
उन्होंने कहा:
“बोर्ड की बैठक में पाया गया कि एक ही व्यक्ति ने एक लाख लोगों का सत्यापन कर दिया, जबकि दूसरे ने 90 हजार श्रमिकों का। यह संभव नहीं है और साफ तौर पर संदेह पैदा करता है। इसलिए हमने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जिसमें सरकार, कर्मचारियों और एंपलॉयर के प्रतिनिधि शामिल होंगे।”
अनिल विज के बयानों से स्पष्ट है कि वे किसी भी मुद्दे पर सीधी और स्पष्ट प्रतिक्रिया देने से नहीं कतराते। कांग्रेस पार्टी की निर्णयहीनता, राहुल गांधी की विदेश नीति आलोचना और वक्फ कानून जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उनके बयान एक बार फिर राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में चर्चाओं को जन्म दे सकते हैं।