
एक्सक्लूसिव रिपोर्ट |
अगर पाकिस्तान सच बोल रहा है, तो TRF को सैन्य और आर्थिक मदद कौन दे रहा है?
बैसारन घाटी, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर 22 अप्रैल 2025,
22 अप्रैल की दोपहर करीब 2:45 बजे, जम्मू-कश्मीर की बैसारन घाटी, जो सामान्यतः पर्यटकों की चहलकदमी से गुलजार रहती है, गोलियों और चीखों से गूंज उठी। आतंकवादियों ने अचानक जंगल से निकलकर वहां मौजूद पर्यटकों पर हमला बोल दिया।
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आतंकियों ने पहले नाम और जाति पूछी, फिर कई को कपड़े उतारने पर मजबूर किया।
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धार्मिक पहचान के आधार पर कलमा पढ़वाने की कोशिश, उसके बाद सीधे गोली मारी।
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शुभम द्विवेदी नामक युवक को नाम पूछने के बाद सिर में गोली मारी गई।
📛 TRF का इक़बाल-ए-जुर्म और पाकिस्तान की सफाई
इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन माना जाता है। TRF 2019 के बाद से कश्मीर में सक्रिय है और इसे पाकिस्तान से फंडिंग और समर्थन मिलता है।
वहीं पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने इस हमले से पाकिस्तान का कोई संबंध होने से साफ इनकार कर दिया। लेकिन सवाल है:
अगर पाकिस्तान सच बोल रहा है, तो TRF को सैन्य और आर्थिक मदद कौन दे रहा है?
🧠 मास्टरमाइंड: सैफुल्लाह का नाम फिर सामने
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इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले का मुख्य साजिशकर्ता सैफुल्लाह है।
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सैफुल्लाह 2019 के पुलवामा हमले में भी संदिग्ध था और उसका वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने कहा था:
“कश्मीर की आग को ठंडा नहीं होने देंगे…”
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वो पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से TRF का संचालन करता है।
🇮🇳 सरकार की प्रतिक्रिया और कदम:
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गृह मंत्री अमित शाह मौके पर पहुंचे, श्रद्धांजलि अर्पित की और जांच के निर्देश दिए।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़ा और राष्ट्रीय सुरक्षा की कैबिनेट बैठक बुलाई।
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देशभर में हाई अलर्ट, सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई गई।
🌍 मृतकों की पहचान और प्रभाव:
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मृतकों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक के पर्यटक हैं।
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नेपाल और यूएई के नागरिक भी हमले में मारे गए।
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इस हमले ने कश्मीर पर्यटन को भारी झटका दिया है।
🔎 क्या पाकिस्तान कह रहा है सच? या फिर यह फिर एक साजिश?
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TRF ने जिस तरीके से हमले की जिम्मेदारी ली है, वह पाकिस्तान के इंकार को झूठा सिद्ध करता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि TRF का उपयोग पाकिस्तान करता है ताकि प्रत्यक्ष रूप से दोषी न ठहराया जा सके।
⚖️ अब सवाल है: क्या भारत इन निर्दोष पर्यटकों को न्याय दिला पाएगा?
पुलवामा के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
पूरे देश की नज़रें अब न्याय और कार्रवाई पर टिकी हैं।
क्या सैफुल्लाह और उसके नेटवर्क को समाप्त किया जा सकेगा?
क्या पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह बनाया जा सकेगा?