
गुरुग्राम, 24 अप्रैल 2025 — अदालतों में सालों से लंबित पड़े मामलों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 10 मई को गुरुग्राम में एक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों को आपसी समझौते के द्वारा सुलझाना है, जिससे लोगों को जल्दी और सस्ता न्याय मिल सके।
रमेश चंद्र, सचिव डीएलएसए, ने बताया कि इस लोक अदालत के दौरान, वादकारी अपनी कानूनी प्रक्रिया के बिना, आपसी सहमति और समझौते के जरिए अपने मुकदमे का निपटारा कर सकेंगे। यह आयोजन उन मामलों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जिनमें दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंचने के इच्छुक हों। वादकारी इस अवसर का लाभ खुद या अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से उठा सकते हैं।
मामलों की सुनवाई और समाधान:
लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई की जाएगी, जिनमें बैंक लोन, मोटर वाहन दुर्घटनाएं, चेक बाउंस, फौजदारी विवाद, राजस्व मामले, और वैवाहिक झगड़े जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसका उद्देश्य है कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से बिना किसी लंबी कानूनी प्रक्रिया के मामलों का निपटारा कर सकें।
रमेश चंद्र ने आगे कहा कि लोक अदालत का निर्णय अंतिम होता है, और इस पर कोई अपील नहीं की जा सकती। इससे न्यायिक प्रक्रिया में समय और खर्च दोनों की बचत होती है। उनका कहना था कि लोक अदालतों का मकसद “जीत-हार” का फैसला नहीं बल्कि दोनों पक्षों के बीच समझौते से न्यायपूर्ण समाधान निकालना होता है। इसी वजह से लोक अदालतें पिछले कुछ वर्षों में आम जनता के लिए एक भरोसेमंद और कारगर विकल्प के रूप में उभरी हैं।
लोक अदालत का महत्व:
यह लोक अदालत उन लोगों के लिए एक अहम अवसर होगा जिनके मामले अदालतों में लम्बे समय से लटके हुए हैं। इस अदालत में फैसला होने के बाद दोनों पक्षों को कोई भी अतिरिक्त कानूनी शुल्क नहीं देना होता, और यह फैसला सभी के लिए अंतिम होता है, जिससे उन्हें लंबे मुकदमे के थकाऊ और महंगे खर्चे से बचने का मौका मिलता है।
इस आयोजन से जहां एक तरफ कोर्टों पर दबाव कम होगा, वहीं दूसरी तरफ आम जनता को त्वरित और समझौते से समाधान मिलने की संभावना है, जिससे वे अपने जीवन में अधिक शांति और संतुलन महसूस करेंगे।
राष्ट्रीय लोक अदालत एक बेहतरीन मंच प्रदान करती है जहां लोग अपनी समस्याओं को आपसी समझौते से हल कर सकते हैं। यह कदम न केवल न्यायालयों की कार्यवाही को आसान बनाएगा, बल्कि आम नागरिकों को न्याय तक जल्दी और सस्ते तरीके से पहुंचने का मौका भी देगा।